लकड़ी के टुकड़ों को गमछे में बांध बनाई सीढ़ी, फांद गए ऊंची दीवार

जेल से बाहर निकले तो साइकिल चुराई फिर उसी से दोनों पहुंचे शिवगढ़ 24 घंटे के भीतर पहला युवक आया पकड़ में फिर दूसरे तक पहुंची पुलिस

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 11:48 PM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 05:03 AM (IST)
लकड़ी के टुकड़ों को गमछे में बांध बनाई सीढ़ी, फांद गए ऊंची दीवार
लकड़ी के टुकड़ों को गमछे में बांध बनाई सीढ़ी, फांद गए ऊंची दीवार

रायबरेली : कम उम्र और हल्का-फुल्का शरीर। इसी की बदौलत मिले फुर्तीलेपन का जबरदस्त लाभ उठाया दोनों बंदियों ने। उन्होंने जेल परिसर के कुएं के पास इकठ्ठा बांस की मजबूत फच्चियों को उठाया। फिर अंगोछे को फाड़ा। उसके बाद लकड़ियों के गुल्ले को जोड़कर सीढ़ी नुमा रस्सी बना डाली। उसी के सहारे 18 और 22 फीट की ऊंची दीवारें फांद गए। हालांकि जान जोखिम में डालने वाला यह हुनर उनके काम न आया। वे अब एक बार फिर वहीं सीखचों के पीछे पहुंच गए हैं।

तीन सितंबर को सलोन कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर मजरे अतरथरिया का रंजीत दुष्कर्म के मामले में और पांच सितंबर को शिवगढ़ थाना क्षेत्र के शेरगढ़ पड़रिया का रहने वाला शारदा प्रसाद चोरी के मामले में जेल लाया गया था। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अपनाए गए कदमों के तहत जेल में बनी क्वारंटाइन बैरक में दोनों को रखा गया। वे दोनों एक दूसरे से मिलकर फरार होने की साजिश रचते रहे। जिसकी भनक जेल प्रशासन को नहीं लग सकी। सूत्र बताते हैं कि सोमवार को दिन में नाइट टॉयलेट जो क्वारंटाइन बैरक में रहने वाले प्रयोग करते हैं, उसे जाम कर दिया। जिसकी वजह से गंदगी उफनाने लगी और बंदी उसमें जाने से परहेज करने लगे। इसी सन्नाटे का फायदा उठाकर दोनों बंदियों ने बैरक के बाहर निकलने के लिए दीवार में सेंध बना ली। जिससे वे मिलाई वाले अहाते पहुंचे। जहां परिसर के एक कुएं में पास रखी लकड़ियों में से बांस की फच्चियों से उन्होंने दीवार फांदने का जुगाड़ बना लिया।

साइकिल चुराकर गए शिवगढ़

अपराध और झूठ दलदल में उतार देते हैं। इसका जीता जागता नमूना यह दोनों बंदी हैं। जो चोरी के मामले में जेल में बंद था, वह जेल से भागा तो अपने ठौर ठिकाने तक पहुंचने के लिए उसने साइकिल चोरी की। उसी साइकिल से वे दोनों छिपते-छिपाते शिवगढ़ गए। जहां से उसका दूसरा साथी सलोन चला गया।

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