जाको राखे साइयां मार सके न कोय

रायबरेली : जाको राखे साइयां मार सके न कोय कहावत उस समय चरितार्थ हो गई, जब एक किसान बोर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 12:08 AM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 12:08 AM (IST)
जाको राखे साइयां मार सके न कोय
जाको राखे साइयां मार सके न कोय

रायबरेली : जाको राखे साइयां मार सके न कोय कहावत उस समय चरितार्थ हो गई, जब एक किसान बोरवेल में लगे पंखे पर पट्टा चढ़ाने उतरा। तभी अचानक मिट्टी धंसने से वह 40 फीट गहरे गड्ढे में चला गया। यह देख परिजन के होश उड़ गए। शोर-शराबा सुनकर आसपास लोग एकत्र हो गए। किसी तरह ग्रामीणों ने उसे बाहर सकुशल निकाला, तो सभी ने राहत की सांस ली।

घटना शाम करीब पांच बजे की है। क्षेत्र के तेजू ¨सह का पुरवा मजरे बरगदहा गांव निवासी कृष्ण कुमार ¨सह ट्यूबवेल से गेहूं की ¨सचाई कर रहा था। उसी दौरान बोरवेल के गड्ढे में लगे पंखे का पट्टा उतर गया। जिससे पानी निकलना बंद हो गया। यह देख उन्होंने अपने भतीजे मनोज ¨सह से कहा कि देखो क्या बात है। उसने गड्ढे में सीढ़ी लगाकर देखा। तभी उसे लगा कि सीढ़ी धंस रही है। आनन-फानन में बाहर आ गया और अपने चाचा कृष्ण कुमार ¨सह से बताया। इस पर वह खुद गए और उन्होंने लंबे बांस से गड्ढे की स्थिति जानने की कोशिश की। तभी गड्ढा एकदम से धंसा और वह सीढ़ी समेत 40 फीट गहरे में गड्ढे में जा गिरे। यह देख मौके पर मौजूद बड़े भाई जगदीश भी पहुंच गए। गड्ढे में कुछ पता नहीं चलने पर परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। उनको यह समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करें। तभी नीचे से बचाओ-बचाओ की आवाज आई।

इसके बाद बचाव का सिलसिला शुरू हुआ। नीचे गिरे किसान ने 20 फीट लंबी सीढ़ी को सीधा करके गड्ढे से निकलने का प्रयास किया। बाकी के 20 फिट ग्रामीणों व परिजनों ने पेड़ से रस्सी बांधकर गड्ढे में डाली और उन्हें निकाला। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली और ईश्वर को धन्यवाद दिया।

chat bot
आपका साथी