दूसरों के हक की लड़ाई में चली गई जान

रायबरेली : संपूर्ण समाधान दिवस हो या फिर समाधान दिवस, इस पर प्रभारी मंत्री, नोडल अधिकारी से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jun 2018 12:07 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jun 2018 12:07 AM (IST)
दूसरों के हक की लड़ाई में चली गई जान
दूसरों के हक की लड़ाई में चली गई जान

रायबरेली : संपूर्ण समाधान दिवस हो या फिर समाधान दिवस, इस पर प्रभारी मंत्री, नोडल अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी तमाम दिशा-निर्देश दिया करते हैं। हर बार यहां कहा जाता है कि एक सप्ताह में समस्या का निस्तारण कर दिया जाए लेकिन जमीनी हकीकत को परखने की जरूरत किसी ने नहीं समझी है। इसी का नतीजा है कि किसान नेता अमृतलाल दूसरों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर डीएम साहब की चौखट पर धरना दे रहा था। 15 दिन से किसान नेता धरना दे रहा था और प्रशासन सोता रहा लेकिन जब एक जान चली गई तो पांच मिनट में ही सब कुछ ठीक करने की बात होनी लगी। असल में कालर पर लगे धब्बे को मिटाने के लिए प्रशासन ने रात में भी न केवल चेक बांट दिया, बल्कि 24 घंटे में जांच टीम भी बैठा दी। इन सात सूत्रीय मांगों को लेकर अमृतलाल बैठा था धरने पर

1-महुआदीन पुत्र छेदी निवासी ग्राम पूर्व टेकरी हाल पता टेकारी दांदू, सलोन की जमीन चकबंदी कर्मचारियों ने गायब कर दी है। इसको वापस दिलाया जाए। साथ ही उच्चस्तरीय जांच हो

2-रमाकांती पत्नी चंद्रशेखर निवासी ग्राम पूरे लोकरी, सलोन की भूमि भूमाफियाओं के कब्जा में है। अभिलेख पूरे होने के बाद भी कब्जा नहीं मिल सका है

3-बानारपुर डलमऊ में भूमाफिया के कब्जे में जाने वाली जमीन को रोका जाए। साथ ही जो रास्ता रोका गया है, उसे खुलवाया जाए

4-टिकरिया, सलोन में एक पब्लिक स्कूल बिना मान्यता के चल रहा है। स्कूल प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जाए

5-सूर्य मणि तिवारी पुत्र अवधेश निवासी टेकारी दांदू की सहन की जमीन पर पुलिस की मिलीभगत से कब्जा कर लिया गया है

6-भदोखर में गांव का रास्ता रोक दिया गया है, जिसे खुलवाया जाए

7-मुनीर निवासी टेकारी के मकान पर उनके भाई ने जबरन कब्जा कर रखा है। पुलिस के समझौते के बाद भी मुनीर को मकान पर कब्जा नहीं मिल सका है।

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