अपनों को आशीष दे विदा हुए पितर

प्रतापगढ़ : पितृ विसर्जन के दिन श्राद्धकर पितरों को विदा किया गया। मां बेल्हादेवी धाम में सामूहिक श्

By Edited By: Publish:Sat, 01 Oct 2016 12:46 AM (IST) Updated:Sat, 01 Oct 2016 12:46 AM (IST)
अपनों को आशीष दे विदा हुए पितर

प्रतापगढ़ : पितृ विसर्जन के दिन श्राद्धकर पितरों को विदा किया गया। मां बेल्हादेवी धाम में सामूहिक श्राद्ध पंडितों द्वारा कराया गया। इस दौरान धाम पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा रहे। इसके साथ ही ¨हदू धर्म के सभी लोगों के यहां ¨पडदान कर पितरों को विदा किया गया। ब्राह्मणों को भोजन कराकर उनका आर्शीवाद लिया गया।

एक पखवारे से चल रहे पितृपक्ष का समापन शुक्रवार को हुआ। मृत पूर्वजों का तर्पण करना ¨हदू धर्म की परंपरा रही है। कहा जाता है कि व्यक्ति जब देह छोड़ता है तो तीन दिनों के भीतर वह पितृलोक चला जाता है। कुछ आत्माएं 13 दिन में पितृलोक जाती हैं। इस लिए त्रयोदशाह कर्म किया जाता है। कुछ आत्माएं सवा माह अर्थात 37वें या 40वें दिन पितृलोक जाती हैं जिनका एक वर्ष बाद तर्पण किया जाता है। पितृलोक के बाद उन्हें पुन: धरती पर कर्म के अनुसार जन्म मिलता है। पितरों का श्राद्ध करने वाले और उनका तर्पण करने वाले उनकी सद्गति के लिए सहयोग करते हैं। जिन लोगों को तिथि याद रहती है वह उस तिथि पर तर्पण कर पितरों का श्राद्ध करते हैं व जिन्हें मृत्यु की तिथि का ज्ञान नहीं रहता वह लोग पितृविसर्जन के दिन नदी के तट पर अथवा अपने घर में सामूहिक श्राद्ध कर्म कर पितरों का तर्पण करते हैं। शुक्रवार को सुबह से ही लोगों ने स्नान-ध्यान कर ¨पडदान कर कौवे के लिए रखा। कुछ ने सई तट पर बेल्हादेवी में ¨पडदान किया।

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