तंबाकू के प्रति जागरूकता के लिए वर्चुअल कार्यशाला

दूसरे चरण की वर्चुअल कार्यशाला 30 अगस्त को आयोजित होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 08:27 PM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 08:27 PM (IST)
तंबाकू के प्रति जागरूकता के लिए वर्चुअल कार्यशाला
तंबाकू के प्रति जागरूकता के लिए वर्चुअल कार्यशाला

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-39 स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (एनआइसीपीआर) ने तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार व वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम के बारे में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) के नोडल अधिकारियों को अवगत कराने के लिए वर्चुअल कार्यशाला की शुरुआत की है।

एनआइसीपीआर की निदेशक डॉ. शालिनी सिंह ने बताया कि इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) व इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज (आइयूएटीएलडी) के निर्देशन में वर्चुअल कार्यशाला की शुरुआत की गई है। पहले चरण में मंगलवार को दो घंटे की वर्चुअल कार्यशाला में उत्तर प्रदेश व गोवा के नोडल अधिकारियों को तंबाकू निषेध अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई है। दूसरे चरण की वर्चुअल कार्यशाला 30 अगस्त को आयोजित होगी। निकोटिन युक्त पान की बिक्री पर है रोक:

डॉ. शालिनी ने बताया कि सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत निकोटिन तंबाकू और फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन, स्टोरेज और वितरण पर रोक है। बावजूद तंबाकू कंपनियां लाभ के लिए तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन, प्रचार, और प्रायोजन (टीएपीएस) का उल्लंघन कर ऐसे उत्पाद बेच रही हैं। उक्त उत्पाद के पैकेट पर कोई वैधानिक चेतावनी भी नहीं दी जाती है। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड के अधिकारियों को इन्हीं नियमों से अवगत कराया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में करीब 36 करोड़ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में गुटखा खाने वालों में करीब 66 फीसद भारतीय हैं। ग्लोबल टोबैको सर्वे इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुटखा और पान मसाले का सेवन करने वाले करीब 80 फीसद लोग दक्षिण पूर्व एशिया में रहते हैं। भारत में इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए धुआं रहित तंबाकू उत्पादों के निर्माण, बिक्री और आयात पर रोक लगाने की सिफारिश की जा चुकी है।

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