Noida Air pollution: 'रेड जोन' में ग्रेटर नोएडा की हवा, प्रदूषण बढ़ने से आंखों में बढ़ रही जलन

जिला अस्पताल में नेत्र सर्जन डॉ. रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि धूल धुआं और हानिकारक गैसों से आंखों में लाली आंसू कीचड़ व जलन की समस्या बढ़ने लगी है। कई मरीज इस प्रकार की समस्या लेकर अस्पताल आ रहे है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 14 Oct 2020 08:18 PM (IST) Updated:Wed, 14 Oct 2020 08:18 PM (IST)
Noida Air pollution:  'रेड जोन' में ग्रेटर नोएडा की हवा, प्रदूषण बढ़ने से आंखों में बढ़ रही जलन
नोएडा में प्रदूषण की फाइल फोटो- ANI

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। ग्रेटर नोएडा में लगातार तीसरे दिन बुधवार को हवा बहुत खराब (रेड जोन) श्रेणी में रही। हवा की रफ्तार धीमी होने के चलते ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में लगे माप यंत्र के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 311 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा सेक्टर-1 में लगे माप यंत्र के मुताबिक एक्यूआइ-296 के खराब के साथ (आरेंज जोन) में रही। मौसम विभाग का कहना है कि बृहस्पतिवार को भी हवाओं की चाल सुस्त रहेगी। इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद नहीं है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक नोएडा में पीएम-10 का औसत स्तर 230 व अधिकतम स्तर 431 व पीएम-2.5 का औसत स्तर 296 व अधिकतम स्तर 438 दर्ज किया गया। जिले में हवा की चाल 7 किमी प्रति घंटा के आसपास बनी रही। इससे हवा में प्रदूषण स्थिर हो गया है। आगामी तीन दिन तक हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है। इससे प्रदूषण और बढ़ेगा। बुधवार को अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 1 व 4 डिग्री अधिक दर्ज किए गए। नमी का स्तर 61 से 81 फीसद के बीच दर्ज किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मुताबिक सुबह के समय धुंध छाने के साथ बादल छाए रहेंगे। न्यूनतम दृश्यता भी कम रहेगी।

प्रदूषण से राहत के आसार नहीं

उधर स्काइमेट वेदर के मौसम विज्ञानी के अनुसार अरब सागर के मध्य पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम जल्द निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके प्रभाव से अगले कुछ दिनों तक दिल्ली, हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। इससे प्रदूषण में वृद्धि होने की संभावना है।

प्रदूषण बढ़ने से आंखों में बढ़ रही जलन

जिला अस्पताल में नेत्र सर्जन डॉ. रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि धूल, धुआं और हानिकारक गैसों से आंखों में लाली, आंसू, कीचड़ व जलन की समस्या बढ़ने लगी है। कई मरीज इस प्रकार की समस्या लेकर अस्पताल आ रहे है। प्रदूषण से बचने के लिए चश्मा पहनकर घर से बाहर निकलें। बाहर से आते समय अपनी आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं। आंखों को बार-बार छूने से बचें। डॉक्टर की सलाह के बिना मेडिकल स्टोर से आई ड्राप खरीदरकर आंखों में मत डालें।

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