50 फीसद अंक नहीं तो होना पड़ेगा प्रमाणपत्र से महरूम

चंद्रशेखर वर्मा ग्रेटर नोएडा कोरोना महामारी ने शिक्षण व्यवस्था पर व्यापक असर डाला है। संक्रमण को रोकने के लिए शिक्षण संस्थान बंद हैं। इस कारण बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न विषयों पर वेबिनार के जरिये चर्चा होती है। इसमें हिस्सा लेने वाले अक्सर वीडियो मोड ऑफ कर देते हैं या सही तरीके से नहीं बैठते।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 08:35 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 08:35 PM (IST)
50 फीसद अंक नहीं तो होना पड़ेगा प्रमाणपत्र से महरूम
50 फीसद अंक नहीं तो होना पड़ेगा प्रमाणपत्र से महरूम

चंद्रशेखर वर्मा, ग्रेटर नोएडा

कोरोना महामारी ने शिक्षण व्यवस्था पर व्यापक असर डाला है। संक्रमण को रोकने के लिए शिक्षण संस्थान बंद हैं। इस कारण बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न विषयों पर वेबिनार के जरिये चर्चा होती है। इसमें हिस्सा लेने वाले अक्सर वीडियो मोड ऑफ कर देते हैं या सही तरीके से नहीं बैठते। वेबिनार के बाद प्रतिभाग करने का प्रमाणपत्र मिल जाता है। ऐसे में संस्थानों में वेबिनार के प्रतिभागियों से चर्चा से संबंधित ऑनलाइन प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें 50 फीसद अंक प्राप्त करने वालों को ही प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस बाबत क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय की तरफ से संस्थानों को पत्र लिखकर यह प्रक्रिया अमल में लाने को कहा गया है।

मेरठ-सहारनपुर मंडल के उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में सेमिनार, गोष्ठी आदि पर रोक है। ऐसे में उच्च शिक्षण संस्थानों में गोष्ठी आदि के लिए वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। संकाय सदस्यों, डीन की ओर से आयोजित इन वेबिनार में शिक्षक व विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं। वेबिनार की समाप्ति के बाद प्रतिभाग करने का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रमाणपत्र के लिए लोग हिस्सा तो लेते हैं, लेकिन वेबिनार को गंभीरता से नहीं लेते। इस दौरान कोई ऑडियो ऑफ कर देता है तो कोई वीडियो। किसी के बैठने का ढंग ठीक नहीं होता। ऐसे में आमंत्रित वक्ता असहज महसूस करते हैं। इससे वेबिनार की सार्थकता पर प्रश्न चिह्न लग जाता है। ऐसे में सभी शासकीय, अशासकीय अनुदानित व स्ववित्तपोषित महाविद्यालय व संस्थानों को पत्र लिखा गया है।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि पत्र में संस्थानों को कहा गया है कि वेबिनार की समाप्ति के बाद गूगल फॉर्म पर प्रत्युत्तर (फीडबैक) मांगा जाए। इसमें वेबिनार में जिस विषय पर चर्चा हुई, उससे संबंधित प्रश्न पूछे जाएं। जिन प्रतिभागियों के अंक 50 फीसद आएंगे, उन्हें ही प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएं। इस पहल से एक तरफ जहां वेबिनार की सार्थकता सफल होगी। वहीं, प्रमाणपत्र पाने के उद्देश्य से भाग लेने वालों पर लगाम लग सकेगी।

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