शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच हुई शुरू

जासं ग्रेटर नोएडा मेरठ-सहानरपुर मंडल के अधीन आने वाले शैक्षिक संस्थानों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू कर दी गई है। इस बाबत मेरठ-सहारनपुर मंडल क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से पत्र जारी किया गया है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालय राजकीय महाविद्यालय और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच 26 जून से शुरू हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 10:22 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 06:10 AM (IST)
शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच हुई शुरू
शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच हुई शुरू

जासं, ग्रेटर नोएडा : मेरठ-सहानरपुर मंडल के अधीन आने वाले शैक्षिक संस्थानों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू कर दी गई है। इस बाबत मेरठ-सहारनपुर मंडल क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से पत्र जारी किया गया है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच 26 जून से शुरू हो चुकी है। 31 जुलाई तक जांच की प्रक्रिया होनी है। दोनों मंडल में करीब 68 कॉलेजों के 2,250 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जानी है। फीस जमा नहीं करने पर ऑनलाइन कक्षाएं बंद

जासं, ग्रेटर नोएडा : ग्रेनो वेस्ट स्थित एक निजी स्कूल पर फीस जमा नहीं करने पर बच्चे की ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी गई। छात्र के पिता ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) को शिकायत दी है। रोजा याकूबपुर के निवासी प्रिस त्यागी ने बताया कि टेकजोन सात स्थित एक निजी स्कूल में उना बेटा कक्षा एक में पढ़ता है। कोरोना के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई। इस कारण इस बार समय पर फीस जमा नहीं कर सके। स्कूल प्रबंधन से मुलाकात कर कुछ समय मांगा। अधिकारी ने सहमति दे दी। एक जुलाई को स्कूल के एक दूसरे अभिभावक से पता चला कि ऑनलाइन कक्षाएं लगातार चल रही है। स्कूल में संपर्क किया तो प्रधानाचार्य से बात करने को बोला गया। वहीं, प्रधानाचार्य द्वारा भी फीस जमा कराने की बात कही गई। इसके बाद प्रिस ने किसी से पैसे उधार लेकर स्कूल की फीस जमा की। इसके बाद ऑनलाइन कक्षा का लिक दिया गया। उन्होंने इसकी शिकायत डीआइओएस से की है।

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