'अर्थ' के वादों की जमीन तलाश रहे निवेशक

जागरण संवाददाता, नोएडा : लोगों को फ्लैट, दुकान, कामर्शियल स्पेस और ऑफिस स्पेस बेचने के नाम पर अर्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 May 2017 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 01 May 2017 01:00 AM (IST)
'अर्थ' के वादों की जमीन तलाश रहे निवेशक
'अर्थ' के वादों की जमीन तलाश रहे निवेशक

जागरण संवाददाता, नोएडा :

लोगों को फ्लैट, दुकान, कामर्शियल स्पेस और ऑफिस स्पेस बेचने के नाम पर अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर ने करीब 20 हजार लोगों से बुकिंग ली है। इस समय इन निवेशकों का करीब छह हजार करोड़ रुपये फंसा हुआ है। स्थिति यह है कि नोएडा या ग्रेटर नोएडा में अब तक किसी एक निवेशक को भी फ्लैट या दुकान पर कब्जा नहीं मिल सका है। अर्थ बिल्डर द्वारा किए गए वादों के हकीकत में जमीन पर आने की आस निवेशक कर रहे हैं।

भूखंडों के आवंटन के नाम पर अर्थ बिल्डर ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट सहित एनसीआर में करीब एक दर्जन भूखंडों का आवंटन कराया था। ग्रेटर नोएडा में सबसे पहले प्रोजेक्ट के रूप में वर्ष 2010 में भूखंड आवंटित कराया था और आज तक यहां किसी निवेशक को फ्लैट या दुकान पर कब्जा नहीं मिल सका है। यहां छह टावर शुरुआत में प्रस्तावित किए गए थे, इनका निर्माण तो शुरू किया गया, लेकिन निर्माण कार्य पूरा करने के बजाय यहां फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बढ़ाने के नाम पर टावरों की संख्या में इजाफा होता रहा, जिससे निवेशकों की संख्या बढ़ती रही। बिल्डर बुकिंग के नाम पर लोगों से पैसे वसूलता रहा, लेकिन किसी भी निवेशक को अब तक न तो रहने के लिए घर मिला है, न ही व्यवसाय करने के लिए दुकान। स्थिति यह है कि पिछले छह-सात वर्षो से लोग फ्लैट और दुकानों की ईएमआइ जमा कर रहे हैं साथ ही अपने घर और दुकान का किराया भी दे रहे हैं।

अर्थ बिल्डर के निवेशकों की संख्या इस समय करीब 20 हजार है। इनमें से 20 निवेशक भी ऐसे नहीं हैं, जो संतुष्ट हैं। सभी निवेशकों को सिर्फ यह चिंता सता रही है कि उन्हें घर कब तक मिलेगा। वहीं इन निवेशकों ने करीब छह हजार करोड़ रुपये बिल्डर के खाते में अपने निवेश के रूप में जमा कराए हैं। इन पैसों से प्रोजेक्ट पूरा करने के बजाय क्या किया गया, निवेशकों के इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

chat bot
आपका साथी