ज्यादा मुनाफे की चक्कर में सुरक्षा दांव पर

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को एटीएम की सुविधा देने के

By Edited By: Publish:Thu, 27 Nov 2014 09:20 PM (IST) Updated:Thu, 27 Nov 2014 09:20 PM (IST)
ज्यादा मुनाफे की चक्कर में सुरक्षा दांव पर

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को एटीएम की सुविधा देने के लिए बैंक प्रबंधन तेजी दिखा रहा है, लेकिन एटीएम लूट व उसके साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं के बाद भी सुरक्षा को लेकर बैंक प्रबंधन व पुलिस सजग नही है। कहीं पर सुरक्षा गार्ड नहीं हैं तो कहीं पर सीसीटीवी शो पीस बने हैं। ऐसे में एटीएम की सुरक्षा पुख्ता किए बिना बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

सुरक्षा के प्रबंध नहीं

बैंकों में ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता भी हैं। उपभोक्ताओं को गांव में ही एटीएम की सुविधा देने के लिए बैंक तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। वर्तमान में कासना, तुगलपुर, सूरजपुर, तिलपता सहित अन्य गांवों में एटीएम लगाई गई हैं, लेकिन इन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। नियमानुसार एटीएम पर चौबीस घंटे गार्ड तैनात होना चाहिए, ताकि पैसा निकालने के दौरान वह ग्राहकों की परेशानी का समाधान कर सके। ऐसे में गार्ड के रूप में एक मशीन की सुरक्षा पर लगभग पच्चीस से तीस हजार रुपये खर्च होते हैं। पैसा बचाने की चक्कर में बैंक प्रबंधन गार्ड तैनात नहीं करते।

एक गार्ड के भरोसे सुरक्षा

व्यावसायिक बेल्ट में छह से अधिक बैंकों के एटीएम लगे हैं। सभी पर सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। सभी एटीएम आसपास ही हैं। ऐसे में सुरक्षा पुख्ता रहती है। अन्य स्थानों पर लगाए गए एटीएम में एक गार्ड ही तैनात होते हैं। सुरक्षा के लिहाज से ज्यादातर के पास बंदूक होती है, लेकिन रात में दो या दो से ज्यादा बदमाशों के आ जाने पर वह असहाय हो जाते हैं।

आम आदमी को भी खतरा

शांत व ग्रामीण क्षेत्रों में लगे एटीएम पर शाम के बाद सन्नाटा पसर जाता है। ऐसे में शाम के बाद एटीएम से पैसा निकालने के लिए आने वाले लोगों की सुरक्षा भी पुख्ता नहीं होती है। पूर्व में कई मामले हो चुके हैं, जिसमें बदमाशों द्वारा हथियार के बल पर आम आदमी से उसके एटीएम का पासवर्ड पूछकर पैसा निकलवा लिया गया।

पूर्व में भी हो चुकी हैं घटनाएं

-जनवरी, 2010 : बदमाशों ने अल्फा कामर्शियल बेल्ट से चोरी कर लिया था आइसीआइसीआइ बैंक का एटीएम

-वर्ष 2012 : कुछ लोगों ने अल्फा कामर्शियल बेल्ट में लगे महाराष्ट्रा बैंक के एटीएम कक्ष में लगे सीसीटीवी से की थी छेड़छाड़

-वर्ष 2013 : बदमाशों ने अपनी योजना में असफल होने पर एटीएम कक्ष में की थी तोड़फोड़

जागरण सुझाव

-हर एटीएम मशीन पर चौबीस घंटे तैनात हों सुरक्षा गार्ड

-सुरक्षित स्थान पर लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे ताकि बदमाश उसे नुकसान न पहुंचा सकें

-मशीन से छेड़छाड़ करने पर अलर्ट अलार्म लगाए जाएं

-कार्ड स्वैप किए बिना गेट खुलने की न हो व्यवस्था

-एटीएम वाले स्थानों पर पुलिस गश्त बढ़ाई जाए

-सुरक्षा के लिहाज से गार्ड के बैठने का अलग कक्ष बनाया जाए

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सुरक्षा के लिहाज से बैंकों के पास हमेशा पुलिस गश्त होती है। एटीएम की सुरक्षा को लेकर बैंक लापरवाही बरतते हैं। एटीएम की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए बैंक प्रबंधकों के साथ जल्द बैठक की जाएगी।

डा. ब्रजेश सिंह, एसपी देहात

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