रजवाहों व माइनरों की सफाई कराने में छूटे पसीने

रजवाहों और माइनरों की सफाई कराने में अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। कार्य के लिए विभाग के पास बजट भरपूर है। ऊपर से मनरेगा से भी कार्य को अनुमति मिली है लेकिन अगले चार दिन में सभी 425 किमी लंबे रजवाहों व माइनरों की सफाई कराना आसान नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 11:53 PM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 11:53 PM (IST)
रजवाहों व माइनरों की सफाई कराने में छूटे पसीने
रजवाहों व माइनरों की सफाई कराने में छूटे पसीने

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। रजवाहों और माइनरों की सफाई कराने में अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। कार्य के लिए विभाग के पास बजट भरपूर है। ऊपर से मनरेगा से भी कार्य को अनुमति मिली है, लेकिन अगले चार दिन में सभी 425 किमी लंबे रजवाहों व माइनरों की सफाई कराना आसान नहीं है।

15 अक्टूबर को गंगनहर एक माह के लिए बंद हो गई थी। बंदी की समय अवधि में रजवाहों और माइनरों की सफाई कार्य होना है, ताकि टेल तक पानी पहुंच सके। सिचाई विभाग ने साफ-सफाई के लिए कार्ययोजना तैयार की, जिसके चलते 20 दिन से कार्य चल रहा है। जिले में कुल 425 किमी लंबे रजवाहों और माइनरों की सफाई कार्य होना है। इनमें से 256 किमी लंबे रजवाहों की सफाई सिचाई विभाग के बजट से होगी, जिसके लिए बजट 108 लाख रुपये बजट तय है। इसी क्रम में 24 किमी लंबी माइनरों से सिल्ट सफाई पर 7.08 लाख रुपये का खर्च आएगा। साथ ही 144 किमी लंबी माइनरों की सफाई अन्य विभागों से कराई जाएगी, जिस पर 60 लाख रुपये का खर्च आएगा। डीएम सेल्वा कुमारी जे. और सीडीओ आलोक यादव की अनुमति के बाद 60 लाख रुपये की सिल्ट सफाई का कार्य मनरेगा से किया जा रहा है। इन सब के बावजूद समय से सफाई कराना सिचाई विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। अभी तक 60 फीसदी कार्य ही हो पाया है। ऐसे में आगामी चार दिनों में कार्य करना आसान नहीं है। कम समय को देखते हुए सिचाई विभाग ने मशीनरी से कार्य को रफ्तार दी है। बगैर सफाई टेल तक नहीं पहुंचेगा पानी

कस्बा भोपा के किसान धर्मवीर सिंह का कहना है कि अभी तक रजवाहे की सफाई शुरू भी नहीं हुआ है। ऐसे में टेल तक पानी नहीं पहुंचेंगे। रजवाहे की सफाई होने के बाद ही भोपा क्षेत्र में फसलों की सिचाई संभव है। बीते वर्ष सफाई काफी देरी से हुआ था। अलीपुरखेड़ी के किसान चौ. मांगेराम का कहना है कि नहर में पानी आए सालों हो गए हैं। सफाई कराने के साथ ही इस बार पानी छोड़ा जाना चाहिए, तभी क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। ट्यूबवेल से खेती पर लागत बढ़ती है। इन्होंने कहा..

रजवाहों और माइनरों की सफाई का तेजी से कराया जा रहा है। 15 नवंबर को गंगनहर में पानी छोड़ा जाएगा। सभी जेई और ठेकेदारों को कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं।

- हरि शर्मा, एक्सईएन सिचाई विभाग

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