कवाल कांड : कार फूंकने के मामले में विधायक समेत 12 बरी

जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में तिहरे हत्याकांड के बाद हुई आगजनी के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने खतौली विधायक समेत 12 आरोपितों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:52 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:52 PM (IST)
कवाल कांड : कार फूंकने के मामले में विधायक समेत 12 बरी
कवाल कांड : कार फूंकने के मामले में विधायक समेत 12 बरी

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में तिहरे हत्याकांड के बाद हुई आगजनी के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने खतौली विधायक समेत 12 आरोपितों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया।

जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में 27 अगस्त 2013 को सचिन, गौरव और शाहनवाज की हत्या के बाद गांव में बवाल शुरू हो गया था। इसी बीच उपद्रवियों ने गांव निवासी सरफराज के घर में खड़ी कार पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी थी। इस मामले में खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को आरोपित बनाया था। पीड़ित ने जानसठ थाने में उक्त आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपितों में विधायक के शामिल होने के कारण मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी। शुक्रवार को भी मामले की सुनवाई हुई। विधायक विक्रम सैनी समेत सभी आरोपित कोर्ट में पेश हुए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता भरतवीर अहलावत ने कई दलील पेश की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सबूतों के अभाव में विधायक विक्रम सैनी समेत 12 आरोपितों को बरी कर दिया।

गबन के आरोपित को तीन साल की सजा

खतौली कोतवाली क्षेत्र के गांव उमरपुर निवासी जय प्रकाश भोपा रोड स्थित किसान सेवा सहकारी समिति पर तेल, कपड़ा और मिट्टी के तेल की बिक्री करता था। वर्ष 1985 और 1986 में समिति के हिसाब में 19,934 रुपये की गड़बड़ी पाई गई थी। उक्त रुपया समिति में जमा नहीं कराया गया था। जांच में पाया गया कि जयप्रकाश ने उक्त रुपया जमा नहीं कराया है। इसके चलते तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी ने 28 फरवरी 1987 को नई मंडी कोतवाली में जय प्रकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शुक्रवार को एसीजेएम प्रथम प्रशांत कुमार की कोर्ट में मामले की सुनवाई की गई। अभियोजन अधिकारी रामअवतार की ओर से दस गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने जय प्रकाश को गबन का दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाने के साथ-साथ बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने की सूरत में तीन माह की अतिरिक्त सजा के आदेश दिए हैं।

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