सोने के प्यालों में खाना खाते थे नवाब रजा अली खां, खाने की मेज पर सजते थे 60 लाख के बर्तन

नवाब की क्राकरी की कीमत एक करोड़ नब्बे लाख आंकी गई। डाइनिंग टेबल पर सजने वाले सोने के बर्तनों की होती थी अपनी अलग खासियत।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 08:49 AM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 08:49 AM (IST)
सोने के प्यालों में खाना खाते थे नवाब रजा अली खां, खाने की मेज पर सजते थे 60 लाख के बर्तन
सोने के प्यालों में खाना खाते थे नवाब रजा अली खां, खाने की मेज पर सजते थे 60 लाख के बर्तन

रामपुर, (मुस्‍लेमीन)।  नवाब रजा अली खां ढाई लाख के सोने के प्याले में खाना खाते थे। उनके खाने की मेज पर जो डेकोरेशन पीस होते थे, उस एक पीस की कीमत पांच लाख थी। इंग्लिश क्राकरी की हर प्लेट पर रामपुर रियासत का मोनोग्राम प्रिंट था और एक प्लेट की कीमत पंद्रह हजार थी।

रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। एडवोक्ट कमिश्नर ने सर्वे और मुल्याकंन के बाद चल संपत्ति की लिस्ट कोर्ट में दाखिल की है। मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार नवाब रजा अली खां जिस सोने के प्याले में खाना खाते थे, उस एक प्याले की कीमत ढाई लाख थी। सोने के प्याले, छुरियों और कांटे के इस सेट में 24 आइटम थे। उनकी खाने की मेज पर साठ लाख के सोने के बर्तन होते थे। नवाब रजा अली खां ने दो सौ पीस की इंग्लिश क्राकरी पर रामपुर रियासत का मोनोग्राम प्रिंट कराया था।

इन प्लेट्स पर सोने का पॉलिश था। इस एक प्लेट की कीमत पंद्रह हजार आंकी गई है। इस तरह यह क्राकरी तीस लाख रुपये की है। खाने की मेज पर चांदी के 20 डेकोरेशन पीस थे। इस एक पीस की कीमत पांच लाख रुपये आंकी गई है। इस तरह एक करोड़ के चांदी के डेकोरेशन पीस थे। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि रिपोर्ट में में सोने-चांदी के बर्तनों की कीमत एक करोड़ साठ लाख और रामपुर मोनोग्राम वाली क्राकरी की कीमत तीस लाख आंकी गई है।

सोने-चांदी के बर्तन भी गायब

नवेद नवाब रजा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का कहना है की सोने-चांदी के बर्तन भी खासबाग पैलेस से गायब हैं। उन्होंने बताया कि जिला न्यायालय द्वारा संपत्ति के सर्वे के लिए नियुक्त कमिश्नर अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। सर्वे में सोने-चांदी का कोई बर्तन खासबाग पैलेस में नहीं मिला है। इसका साफ मतलब है कि करोड़ों रुपये के सोने-चांदी के बर्तन गायब कर दिए गए हैं। खासबाग पैलेस पर काबिज लोग जवाब दें कि यह सामान कहां गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार जो वस्तुएं गायब हैं उनकी कीमत कब्जेदारों के हिस्से से काटी जाएगी।

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