मुरादाबाद में निकली बंदर की शवयात्रा, पशु प्रेम का ये नजारा आपको भी कर देगा सोचने पर मजबूर Moradabad News
जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर बिलारी तहसील के गांव मुडिय़ा जैन गांव में पशु प्रेम का अनूठा नजारा देखने को मिला।
मुरादाबाद, जेएनएन। पशु और पक्षियों पर हिंसा की खबरें आपने बहुत बार सुनी और पढ़ी होगी लेकिन पशु प्रेम का अनूठा नजारा कभी-कभी ही देखने को मिलता है। जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर बिलारी तहसील में बुधवार को जो कुछ हुआ वह यह बताने के लिए काफी है कि, हमें जानवरों के साथ इंसानों जैसा न सिर्फ सुलूक करना चाहिए बल्कि उनके प्रति आदर भाव भी रखना चाहिए।
बिलारी के मुडिय़ा जैन गांव में सभी धर्मों के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। छोटे-मोटे विवाद गांव में ही निपटा दिए जाते हैं। बुधवार की दोपहर में कुछ लोग गांव के रास्ते से होकर गुजर रहे थे। इस दौरान उन्हें रास्ते के किनारे एक बंदर पड़ा मिला, लोगों को लगा कि शायद बंदर को ठंड लग गई हो लेकिन, जब काफी देर तक कोई हरकत नहीं हुई तो लोग बंदर के पास पहुंच गए। पता चला कि बंदर की मौत हो गई है।
लोगों ने मिलकर किया फैसला
ऐसे हालात में गांव के लोगों के पास दो रास्ते थे या तो वे बंदर के शव को ऐसे ही कहीं फेंक देते या फिर उसे गड्ढे में दबा देते। कुछ देर तक चर्चाएं भी चलती रहीं। परिणाम निकला कि जानवरों के प्रति सम्मान रखना चाहिए, लिहाजा शव के साथ भी ऐसा सुलूक हो जैसा इंसानों के शवों के साथ होता है। गांव के पशु प्रेमियों ने इस पर सहमति भी जता दी।
सजाई गई अर्थी
लोगों ने मिलकर बंदर के शव की अर्थी सजाई। कफन भी ओढ़ाया। इसके बाद पशु प्रेम का संदेश देने के लिए पूरे गांव में शवयात्रा निकाली। इसके बाद शव को दफन किया गया। इस दौरान गांव के काफी तादाद में लोग मौजूद रहे।