Amroha News: तैयार नहीं हो पाया जिले में बन रहा मैंगो पैकहाउस, इस बार भी सहारनपुर पर निर्भर रहेंगे आम कारोबारी
अमरोहा के आम को सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद योजना में शामिल कर लिया है लेकिन अभी तक मैंगो पैकहाउस नहीं होने की वजह से कई टन आम खराब हो जाता था। यही हाल सब्जियों का रहता है। जिले में बड़े पैमाने पर सब्जियों का उत्पादन होता है।
अमरोहा, जेएनएन। आम का सीजन चल रहा है लेकिन, इस बार कारोबारी मैंगो पैकहाउस का फायदा नहीं उठा पाएंगे। अभी तक उसके निर्माण का कार्य चल रहा है। आधा कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। 14 करोड़ की लागत से मंडी समिति परिसर में यह पैकहाउस बनाया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि अगले साल कारोबारी पैकहाउस के जरिए अपना आम देश व विदेश भेज सकेंगे।
अमरोहा के आम को सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद योजना में शामिल कर लिया है लेकिन, अभी तक मैंगो पैकहाउस नहीं होने की वजह से कई टन आम खराब हो जाता था। यही हाल सब्जियों का रहता है। जिले में बड़े पैमाने पर टमाटर, करेला, तोरई व लौकी, गोभी, गाजर आदि सब्जियों का उत्पादन होता है। यहां से दिल्ली, कोलकाता व मुंबई तक सब्जियों को एक्सपोर्ट किया जाता है। प्रत्येक वर्ष कई टन टमाटर व करेला, गोभी की सब्जी बेकार हो जाती है। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले इंटीग्रेटेड पैक हाउस के निर्माण को अनुमति दी थी और 14 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई थी। इससे अमरोहा मंडी समिति परिसर में पैकहाउस का निर्माण कार्य चल रहा है।
दो करोड़ की राशि निर्माण पर खर्च हो रही है जबकि 12 करोड़ से मशीन आदि सामान खरीदा गया है। इस समय आम का सीजन शुरू हो गया है लेकिन, मैंगो पैकहाउस का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इसके चलते कारोबारी अबकी बार भी सहारनपुर पैक हाउस पर निर्भर रहेंगे। यहां बता दें कि जिले में करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बाग हैं। कुल पैदावार में से करीब दो हजार मीट्रिक टन आम दूसरे राज्यों व विदेश में भेजा जाता है। खाड़ी देशों में अमरोहा आम खूब पसंद किया जाता है।
मंडी समिति अमरोहा के सचिव सचिन शर्मा ने बताया कि अभी मैंगो पैकहाउस के निर्माण का काम चल रहा है। थोड़ा वक्त उसको पूरा करने में लगेगा। इसलिए अबकी बार उसके चालू होने की कम संभावना है। अगले साल कारोबारी उसका फायदा उठा पाएंगे।