मुरादाबाद में जनहित कंपनी ने निवेशकों को लगाया करोड़ों रुपये का चूना, लोगों ने क‍िया हंगामा

मुरादाबाद में पांच साल में पैसे दोगुना करने का वादा करके एक कंपनी सैकड़ों लोगों का पैसा लेकर भाग गई। न‍िवेशकों ने इस मामले को लेकर हंगामा क‍िया। करोड़ों रुपये की ठगी के इस मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 11:22 AM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 11:22 AM (IST)
मुरादाबाद में जनहित कंपनी ने निवेशकों को लगाया करोड़ों रुपये का चूना, लोगों ने क‍िया हंगामा
निवेशकों ने आशियाना कार्यालय का घेराव करके किया प्रदर्शन।

मुरादाबाद, जेएनएन। पांच साल में पैसे दोगुना करने का वादा करके एक कंपनी सैकड़ों लोगों का पैसा लेकर भाग गई। पीड़ितों ने कंपनी के कार्यालय का घेराव करके पैसा लौटाने की मांग की। इस दौरान सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के आशियाना कॉलोनी में कई घंटों तक हंगामा चला। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने लोगाें को समझाकर घर भेज दिया। पीड़ितों ने इस संबंध में एसएसपी को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में आशियाना कॉलोनी फेस टू स्थित जनहित कंपनी के कार्यालय में आसपास के गांव के लोग एकत्र होकर हंगामा करने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि साल 2015 में यहां रहने वाले अजय यादव ने अपनी पत्नी गीता यादव, बेटे अभिषेक यादव समेत कई लोगों के साथ मिलकर जनहित बेनीफिट निधि लिमिटेड कंपनी खोली थी। इस कंपनी ने आसपास के क्षेत्रों में कार्यालय खोलकर अपने एजेंट के माध्यम से पांच साल में पैसा दोगुना करने का वादा किया था। इस दौरान कंपनी में 470 से अधिक लोग प्रतिमाह के हिसाब से एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये जमा कर रहे थे। अप्रैल 2020 में जमा किए गए पैसों को वापस करने का वादा किया गया था। लेकिन, बीते कई माह से निवेशक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें पैसा नहीं लाैटाया जा रहा है। वहीं, अब इस कंपनी के संचालक परिवार के साथ भाग गए हैं। इस मामले की जानकारी होने के बाद सभी निवेशक एकत्र होकर कंपनी के दफ्तर में जाकर हंगामा करने लगे।

जेब काटकर जमा किए थे रुपये

आशियाना फेस टू निवासी नवनीत कुमार ने बताया कि कंपनी एफडी और आरडी करती थी। कंपनी से पालिसी कराने पर पांच साल बाद रकम दोगुनी देने की बात कही गई थी। इसके अलावा अगर वह कंपनी का एजेंट बनकर किसी दूसरे की पालिसी कराते हैं तो उसे भी कमीशन दिया जाता था। दोगुना पैसे मिलने के लालच में आकर लोगों ने अपने साथ रिश्तेदारों के खाते इस कंपनी में खुलवाए थे। समय पूरा हुआ, तो कंपनी संचालक कार्यालय बंद करके फरार हो गए। कई बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो भरोसा दिलाया गया कि जमा हुई रकम से जमीन खरीदी गई है, जिसे बेचकर सभी की रकम अदा कर दी जाएगी। लेकिन, लंबा वक्त होने के बाद भी न तो रकम वापस कर रहे हैं और न ही कोई जवाब दे रहे हैं।

पुलिस कर्मियों के समझाने पर भी नहीं माने

हंगामा होने की खबर लगते ही सिविल लाइंस थाना पुलिस पहुंच गई। हंगामा कर रहे लोगों को पीआरवी कर्मियों ने काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन, लोग पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं थे। जानकारी होने पर सिविल लाइंस थाने के अपराध निरीक्षक गजेंद्र त्यागी व आशियाना चौकी इंचार्ज प्रदीप कुमार भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस कर्मियों ने जब दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो घर के अंदर मौजूद महिलाओं ने यह कहकर दरवाजा खोलने से इन्कार कर दिया कि वह किराएदार हैं। हालांकि, पुलिस की सख्ती के बाद उन्होंने दरवाजा खोला और किरायानामा भी दिखाया। हालांकि, घर में अजय के परिवार की एक महिला मिली। पुलिस ने उससे जानकारी करने के बाद बाहर खड़े लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई करके पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।

एक कंपनी के कार्यालय में हंगामा होने की सूचना मिली थी। मौके पर पुलिस बल को भेजा गया था। हंगामा कर रहे लोगों की शिकायत के आधार पर इस मामले की जांच की जा रही है। वहीं, इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। जांच के बाद आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी।

सहंसवीर सिंह, थाना प्रभारी, सिविल लाइंस

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