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मुरादाबाद में एसडीएम ने अपने चालक को ग्राहक बनाकर भेजा, ज्‍यादा रुपये वसूलने पर एमआरआइ सेंटर सील

शासन के शुल्क फिक्स कर देने के बाद भी मरीजों के अधिक वसूली करने के आरोप सही पाए जाने पर पुलिस और प्रशासन ने गांधीनगर के अमित एमआरआइ सेंटर को सील करके लाइसेंस निरस्त कर दिया है। एसडीएम ने अपने चालक को ग्राहक बनाकर भेजा था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 03:36 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 03:36 PM (IST)
मुरादाबाद में एसडीएम ने अपने चालक को ग्राहक बनाकर भेजा, ज्‍यादा रुपये वसूलने पर एमआरआइ सेंटर सील
एमआरआइ का 25 सौ रुपये से अधिक लिया ही नहीं जा सकता है।

मुरादाबाद, जेएनएन। शासन के शुल्क फिक्स कर देने के बाद भी मरीजों के अधिक वसूली करने के आरोप सही पाए जाने पर पुलिस और प्रशासन ने गांधीनगर के अमित एमआरआइ सेंटर को सील करके लाइसेंस निरस्त कर दिया है। इसके लिए एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी ने अपने चालक को ग्राहक बनाकर भेजा था। उससे छह हजार रुपये लेकर रसीद भी दे दी गई थी। जबकि किसी भी एमआरआइ का 25 सौ रुपये से अधिक लिया ही नहीं जा सकता  है।

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महानगर में अभी तक वसूली के मामले में पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। इससे एमआरआइ सेंटर चलाने वाले अन्य लोगों में भी खलबली मची हुई है। काेरोना महामारी के दौरान शासन ने एमआरआइ कराने आने वाले मरीजों के लिए फीस फिक्स कर दी थी। एमआरआइ कराने आने वाले अलग-अलग मरीजों से 2000, 2250, 2500 रुपये लेने के लिए सरकार ने कहा था। कोई भी एमआरआइ सेंटर वाला 2500 से अधिक वसूल ही नहीं सकता है। लेकिन, अमित एमआरआइ सेंटर में मरीजों से अधिक वसूली हो रही थी। जिलाधिकारी के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं। डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी एमआरआइ सेंटरों की सच्चाई परखने के लिए निकल पड़े। उन्होंने कई एमआरआइ सेंटर चेक किए। लेकिन, बंद मिले। अमित एमआरआइ सेंटर खुला था। एसडीएम सदर ने सरकारी गाड़ी रेलवे स्टेशन के पास खड़ी करा दी। यहां से उन्होंने अपने चालक को एमआरएआइ कराने के लिए ग्राहक बनाकर भेजा। उसने जानकारी की तो छह हजार रुपये जमा कराने को कहा गया। चालक ने किसी तरह छह हजार रुपये जमा कराकर रसीद ले ली। इसके बाद एसडीएम खुद ही अमित एमआरआइ सेंटर पहुंच गए। उन्होंने डीएम को भी पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया। डीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी को एमआरआइ सेंटर की सील करने के आदेश दिए। थोड़ी ही देर में पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस और प्रशासन के अफसरों की मौजदूगी में अमित एमआरआइ सेंटर को सील कर दिया। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. एमसी गर्ग ने बताया कि अमित एमआरआइ सेंटर में सरकार द्वारा फिक्स की गई शुल्क से अधिक वसूला जा रहा था। जांच में यह बात सही पाए जाने पर सेंटर को सील करके लाइसेंस निरस्त कर दिया है। अग्रिम आदेशों तक एमआरआइ सेंटर में कोई काम नहीं होगा। एमआरआइ सेंटर संचालक के खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए तहरीर दे दी गई है। पुलिस आरोपितों के खिलाफ महामारी एक्ट की धाराओं में मुकदमा लिखकर कार्रवाई कर रही है।

पहले से ही वसूले जा रहे थे छह हजार

एमडीएम सदर ने बताया कि अमित एमआरआइ सेंटर में पहले से ही छह हजार रुपये लिए जा रहे थे। उनसे पहले भी दो लोगों से छह-छह हजार रुपये लिए गए हैं। यह शासन के आदेश का खुला उल्लंघन है। इस तरह आगे भी कार्रवाई होगी। एमआरआइ सेंटरों पर अचानक छापामारी होगी।


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