LokSabhaElectionResults : गठबंधन की एकजुटता ने मंडल में तोड़ा भाजपा का तिलिस्म

मंडल की छह सीटों पर हार के बाद भाजपा की शोध टीम ने मंथन करके रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब उच्च पदाधिकारी तय करेंगे कि असल में हार का क्या कारण रहा।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 31 May 2019 01:25 AM (IST) Updated:Sat, 01 Jun 2019 04:17 PM (IST)
LokSabhaElectionResults : गठबंधन की एकजुटता ने मंडल में तोड़ा भाजपा का तिलिस्म
LokSabhaElectionResults : गठबंधन की एकजुटता ने मंडल में तोड़ा भाजपा का तिलिस्म

मुरादाबाद(प्रेमपाल सिंह)। मंडल की छह सीटों पर हार के बाद भाजपा की शोध टीम ने मंथन करके रिपोर्ट तैयार कर ली है। गोपनीय रिपोर्ट में हार का कारण दलित और मुस्लिम मतदाताओं के एकजुट होकर गठबंधन को मतदान करना बताया गया है। बुधवार को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब उच्च पदाधिकारी तय करेंगे कि असल में हार का क्या कारण रहा।

भाजपा की शोध टीम ने मंडल की छह लोकसभा सीटों पर हार पर मंथन किया। इसके लिए संगठन और कोर टीम में शामिल पदाधिकारियों से अलग-अलग हार के कारण पर विस्तृत रिपोर्ट मांगीं गई। गोपनीय रिपोर्ट में अधिकांश ने दलित और मुस्लिम मतदाताओं के एकजुट होकर मतदान करने की रिपोर्ट भेजी है। साथ ही भाजपा का वोट फीसद बढऩे की बात भी लिखी है। रिपोर्ट भेजने के बाद अब पार्टी उच्च पदाधिकारी तय करेंगे कि हार के पीछे के कारण क्या रहे। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शपथ ग्रहण के बाद मंडल में मिली हार की समीक्षा होगी। अब देखना यह है कि हार के कारणों पर भेजी गई रिपोर्ट को सही आंका जाता है या फिर संगठन के बीच एकजुटता नहीं होने पर कार्रवाई होती है। वोट के लिहाज से मजबूत और कमजोर बूथों की सूची भेजी गई है। इनमें अधिकांश ऐसे हैं, जहां भाजपा का बूथ गठित नहीं है। ऐसे बूथों पर 60 से 70 फीसद मतदान हुआ है।

ये है वोटों का आंकड़ा

अमरोहा में कंवर सिंह तंवर 63,248, बिजनौर में कुंवर भारतेंदु सिंह 69,941, मुरादाबाद में सर्वेश सिंह 97,878, नगीना में यशवंत सिंह 1,66,832 मतों से पराजित हुए हैं। सम्भल और रामपुर लोकसभा सीट पर निवर्तमान सांसद के बजाय नए प्रत्याशियों पर दांव लगाया था। इसलिए इन सीटों की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से मांगी गई है। मोदी लहर के बावजूद पराजित होने पर बूथ वार आंकड़े भेजे गए हैं। साथ में जातीय समीकरण भी बताए गए हैं।

इस बार बढ़ा है वोट फीसद

पहले की तुलना में हमारा वोट फीसद भी बढ़ा है। हारने का मुख्य कारण अनुसूचित जाति एवं अल्पसंख्यक वोटरों का एकजुट होकर गठबंधन प्रत्याशी को मतदान करना है। 2022 के चुनाव में इस हार का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

- विनोद अग्रवाल, महापौर एवं लोकसभा क्षेत्र संयोजक

मोदी सरकार के शपथ ग्रहण पर जश्न में डूबे भाजपाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भाजपा नेताओं के साथ ही आम जनता में जोश दिखाई दिया। महानगर में जगह-जगह मिष्ठान वितरण के साथ शरबत वितरण किया गया तो आतिशबाजी भी हुई। लोग शाम को सात बजे से अपने काम निपटाकर शपथ ग्रहण समारोह देखने की तैयारी कर चुके थे। पार्टी समर्थकों के साथ ही विपक्षियों की भी समारोह में रुचि दिखाई दी।

जगह-जगह हुए आयोजन

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर महानगर में जोश दिखाई दिया। इसको लेकर जगह-जगह आयोजन हुए। महापौर आवास पर मिष्ठान वितरण के साथ ही आतिशबाजी हुई। खुशी में महापौर विनोद अग्रवाल के आवास पर भी मिठाई बांटने के साथ पटाखे छोड़े गए। वार्ड 19 के पार्षद डिंपल सिंह अश्क ने ताड़ीखाना चौराहे पर शरबत वितरण कराया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रमोद शर्मा के नेतृत्व में कांशीराम नगर में आतिशबाजी की।

शाम होते ही टीवी पर गड़ी नजरें

एक तरफ विश्वकप का उद्घाटन था तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह। क्रिकेट विश्वकप के उद्घाटन पर शपथ ग्रहण भारी पड़ता दिखाई दिया। लोग समय निकालकर पहले से ही टीवी के सामने बैठ गए। जो स्पोट्र्स चैनल देख रहे थे वे भी चैनल बदलकर शपथ ग्रहण देखने लगे। मामला देश की सरकार का जो था और दूसरा नरेंद्र मोदी का जादू भी था।

सोशल मीडिया पर जारी होती रही मंत्रियों की सूची

नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल को लेकर तमाम कयास लगाए जाते रहे, लेकिन सरकार और संगठन की ओर से इसे पूरी तरह से गोपनीय ही रखा गया। कुछ प्रमुख नेताओं और पूर्व मंत्रियों के नाम तो लगभग तय ही थे, लेकिन नए शामिल होने वाले नामों को लेकर खासी चर्चा रही। लोग अपने-अपने अनुमान लगाकर मंत्रिमंडल का रूप तैयार करते रहे। वहीं सोशल मीडिया पर कई सूचियां इधर-उधर होती रहीं। सभी अपने द्वारा भेजी गई लिस्ट के सही होने का दावा कर रहे थे, लेकिन यह लिस्ट आईं कहां से किसी को नहीं पता था।

सबके अपने-अपने दावे

गर्मी होने के कारण दिन में सड़कों पर भीड़-भाड़ बेहद कम रहीं। पार्टी पदाधिकारियों के कार्यालय से लेकर, कार्यकर्ताओं के घर पर, संस्थानों पर, दुकानों पर शपथ ग्रहण को लेकर ही चर्चा रही। लोगों के अपने-अपने दावे थे। प्रदेश में भाजपा की लगातार दूसरी बार बंपर जीत के कारण सभी मंत्रियों की संख्या बढऩे के दावे कर रहे थे।

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