Move to Jagran APP

दो साल की बच्ची को पेड़ की छांव में सुलाकर सिंचाई कर रहे थे माता-पिता, हो गया यह भयानक हादसा- किसी को नहीं हो रहा यकीन

अचानक बाग से निकलकर आए चार जंगली कुत्तों ने सोते हुए बच्ची पर हमला कर दिया। कुत्तों ने नोंचकर उसे जख्मी कर दिया। पिता बेटी की तरफ नजर पड़ी तो कुत्ते उसे जमीन पर घसीट रहे थे। दंपति ने शोर मचाते हुए बमुश्किल कुत्तों से बच्ची को छुड़ाया। स्वजन खून से सने बेटी के शव को घर ले गए और बिना कानूनी कार्रवाई किए अंतिम संस्कार कर दिया है।

By Saurav Kumar Edited By: Mohammed Ammar Published: Fri, 24 May 2024 07:18 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 07:18 PM (IST)
दो साल की बच्ची को कुत्तों ने नोचकर मार डाला

संस, हसनपुर : तहसील क्षेत्र में जंगली कुत्तों ने एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना की है। कुत्तों ने एक दो साल की बच्ची को नोचकर मौत के घाट उतार दिया है। चीख-पुकार सुनकर माता-पिता जब तक बच्ची को बचाने के लिए दौड़े। तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। मामला हसनपुर कोतवाली के गांव मनौटा का है।

रोजाना की तरह शुक्रवार दोपहर के समय किसान रामदास अपनी पत्नी नीतू देवी और दो साल की मासूम बेटी काव्या के साथ गांव से करीब 500 मीटर दूर अपने खेत पर नर्सरी की सिंचाई करने गए थे। बेटी को नर्सरी में एक पेड़ की छांव में सुलाकर दंपति सिंचाई कर रहे थे।

यह भी पढ़ें : Bulldozer Punishment : गर्मी में घर के अंदर आराम कर रहे थे लोग, अफसर पहुंच गए बुलडोजर लेकर- चंद मिनटों में कर दिया अतिक्रमण ध्वस्त

अचानक बाग से निकलकर आए चार जंगली कुत्तों ने सोते हुए बच्ची पर हमला कर दिया। कुत्तों ने नोंचकर उसे जख्मी कर दिया। पिता बेटी की तरफ नजर पड़ी तो कुत्ते उसे जमीन पर घसीट रहे थे। दंपति ने शोर मचाते हुए बमुश्किल कुत्तों से बच्ची को छुड़ाया। लेकिन, तब तक बच्ची की मृत्यु हो चुकी थी।

स्वजन खून से सने बेटी के शव को घर ले गए और बिना कानूनी कार्रवाई किए अंतिम संस्कार कर दिया है। काव्या दो बहनों में छोटी थी। उपजिलाधिकारी भगत सिंह ने बताया कि कुत्तों के हमले में बच्ची की मृत्यु की जानकारी मिली है।

आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए वन विभाग तथा पशु चिकित्सकों की टीम लगाई गई है।  रामदास के परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है। अपनी थोड़ी सी भूमि में वह नर्सरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। नौकरों से काम कराने के बजाय वह पत्नी की मदद से खुद की नर्सरी कर रहे हैं।

पत्नी छोटी गोद की बेटी काव्या को जंगल जाते समय अक्सर अपने साथ ले जाती थी। क्योंकि, वह मां के अलावा किसी पर रुकती नहीं थी। घटना के समय पिता नर्सरी में एक क्यारी भरने पर दूसरी क्यारी में पानी फेर रहे थे। जबकि, मां नीतू कुछ दूर के फासले पर महिलाओं से बात करने लगी। उन्हें ऐसा पता नहीं था कि अचानक कुत्ते आकर उसे मार डालेंगे।

हसनपुर में कुत्तों के हमले में अब तक नौ की मृत्यु

तहसील क्षेत्र में अब से पहले भी आवारा कुत्तों के हमलों में बच्चों समेत आठ लोगों की जान जा चुकी है। रामपुर भूड़ गांव में शरद कुमार 12 वर्ष, दीपपुर में कनिष्क कुमार 12 वर्ष, रामपुर भूड़ में आर्यन आठ, हुसैनपुर में रिंकी 14, बिजनौरा में नथिया 50, उधनपुर में शशिकांत नौ, दीपपुर में राजवती 40, हसनपुर में नसीमा 35 वर्ष की पहले भी जान ले चुके हैं। जबकि, अब मनौटा में काव्या दो वर्ष की जान ले ली है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.