ठाकुरद्वारा में बिछने लगी सियासी बिसात

By Edited By: Publish:Tue, 02 Sep 2014 12:51 AM (IST) Updated:Tue, 02 Sep 2014 12:51 AM (IST)
ठाकुरद्वारा में बिछने लगी सियासी बिसात

रईस शेख, मुरादाबाद। ठाकुरद्वारा उप चुनाव में प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया तो भाजपा सीटिंग सीट होने की वजह से किसी कीमत पर पराजित नहीं होना चाहती है। पंचायती राज राज्यमंत्री कमाल अख्तर भी अपना कमाल दिखाने के लिए क्षेत्र में निकल पड़े हैं।

उपचुनाव में कांग्रेस अपनी साख बचाए रखने के लिए चुनाव मैदान में है। उसकी मंशा इस क्षेत्र में कांग्रेस को जिंदा रखना भी है। पूर्व विधायक डॉ.मुहम्मद उल्ला इस क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 1996, 2002 और 2007 का विस चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत का ताज नहीं पहन सके। हालांकि 1991 में उन्होंने बसपा के समर्थन से जीत हासिल कर ठाकुरद्वारा का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन सूबे में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने के बाद वह सपा में शामिल हो गए। 1993 का चुनाव भी उन्होंने सपा के चुनाव चिह्न पर लड़ा, लेकिन सियासी उठापटक से फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया। अप्रैल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में फिर सपा में शामिल हो गए। अब कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। बसपा के चुनाव मैदान में न होने से सभी दलों की निगाह बसपा के वोट बैंक पर है।

पंचायतों का दौर शुरू

उप चुनाव में उम्मीदवार के समर्थन वोट देने के लिए पंचायतों का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को एक दर्जन गांवों के मतदाताओं ने एकजुट होकर मतदान करने के लिए पंचायत की। लेकिन किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में सर्व सम्मति से निर्णय नहीं हो सका। मुस्तफापुर प्रधान रईस अहमद ने बताया कि एक दो दिन में सहमति बन जाएगी।

'कमाल' की कोशिश में कमाल

पंचायत राज राज्यमंत्री कमाल अख्तर सूबे के मुखिया की फेहरिश्त में नाम दर्ज कराने को क्षेत्र में कमाल दिखाने के लिए निकल पड़े हैं। उन्होंने अपना रुख बिरादरी के वोटों की ओर किया है। गांव-गांव जाकर वह सूबे की सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। देखना है वो कितना कमाल दिखा पाएंगे।

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