मीरजापुर के महोगढ़ी की घटनाः मनचलों से आजिज किशोरी ने की खुदकशी

मीरजापुर के ड्रमंडगंज चौकी क्षेत्र के महोगढ़ी पंचायत के पीछे कच्चे मकान में रहने वाली निरंजली उर्फ बिटुआ ने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकशी कर ली।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 07 Nov 2018 01:47 PM (IST) Updated:Wed, 07 Nov 2018 02:03 PM (IST)
मीरजापुर के महोगढ़ी की घटनाः मनचलों से आजिज किशोरी ने की खुदकशी
मीरजापुर के महोगढ़ी की घटनाः मनचलों से आजिज किशोरी ने की खुदकशी

मीरजापुर (जेएनएन)। ड्रमंडगंज चौकी क्षेत्र के महोगढ़ी पंचायत के पीछे कच्चे मकान में रहने वाली निरंजली उर्फ बिटुआ (16) ने मंगलवार की देर रात अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। सुबह से मां ने दरवाजा खटखटाया आैर बिटिया ने दरवाजा नहीं खोला तो शोर मचाने पर पहुंचे पड़ोसियों ने छप्पर हटाकर देखा, जहां वह फांसी के फंदे पर झूल रही थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है आैर मामले की तफ़्तीश कर रही है। 

दरवाजा खटखटाया पर जवाब नहीं मिला

ड्रमंडगंज पुलिस चौकी से चंद कदम दूर महोगढ़ी के पंचायत भवन के पीछे निरंजली उर्फ बिटुआ अपने कच्चे घर में अंधे माता- पिता के साथ रहती थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि अंधे मां -बाप की बेटी होने के कारण कुछ मनचलों की गंदी नजर उस पर थी और इससे वह परेशान रहने लगी थी। संभवत: इसी वजह से उसने खुदकशी का रास्ता चुना होगा। मंगलवार की देर रात करीब नाै बजे वह माता-पिता को भोजन कराकर अपने कमरे में सोने चली गई। सुबह जब निरंजली नहीं उठी तो उसकी मां ने दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। निरंजली की मां ने बाहर आकर शोर मचाया तो आसपास के लोग जुटे और किसी तरह खपरैल हटाकर देखा तो निरंजली फांसी के फंदे पर झूल रही थी। इससे परिवार में कोहराम मच गया आैर माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। माैके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

सुसाइड नोट में लिखा

कक्षा 10 की छात्रा रही निरंजली ने फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा। पुलिस को मिले इस नोट में उसने लिखा है कि वह माता-पिता की स्थिति व तकलीफ देखकर परेशान है। इसके लिए मां बाप को दोषी न माना जाए। हालांकि स्थानीय लोगों के अनुसार निरंजली को मनचलों से ज्यादा दिक्कत थी, जिसे वह खुलकर बयां नहीं कर पा रही थी। इसी तनाव में उसने इतना बड़ा कदम उठाया होगा। 

रास्ते से लाैटा भाई

प्रयागराज जनपद के ओनवुर गांव के मूल निवासी थे जो करीब 20 वर्ष पूर्व महोगढ़ी आकर पंचायत भवन के पीछे कच्चा मकान बनाकर रह रहे थे। मां पूरी तरह से अंधी है जबकि पिता नंदलाल को बहुत ही कम दिखाई देता है। निरंजली का एक भाई गरुणदेव (18) है, जो दिवाली से दो दिन पहले दिल्ली नौकरी के लिए घर से निकला था। उसे रास्ते में ही बहन के फांसी लगाने की सूचना मिली आैर वह वापस लौट आया।

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