मौसम के करवट लेने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें

जिले में मंगलवार को मौसम ने एक बार फिर करवट ले लिया। इससे जहां लोगों को गरमी व चिलचिलाती धूप से राहत मिली वही आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादलों को देख तथा बूंदाबांदी के साथ तेज हवा चलने के कारण किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींच आई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 07:20 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 10:49 PM (IST)
मौसम के करवट लेने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें
मौसम के करवट लेने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में मंगलवार को मौसम ने एक बार फिर करवट ले लिया। इससे जहां लोगों को गरमी व चिलचिलाती धूप से राहत मिली वही आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादलों को देख तथा बूंदाबांदी के साथ तेज हवा चलने के कारण किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींच आई। किसानों की दिनरात की मेहनत से बोई गई फसल काटकर खलिहान में रखी है वही खड़ी फसलों की बर्बाद होने की चिता सताने लगी। हालांकि पूरे दिन कही भी तेज बारिश और फसल नुकसान नहीं हुआ लेकिन किसान अपनी फसलों को बचाने में पूरे दिन जुटे रहे।

लालगंज: क्षेत्र में गेहूं का फसल पक कर तैयार है और किसान कटाई कार्य में व्यस्त हैं। तहसील क्षेत्र के लगभग दस हजार किसानों में से अधिकांश खेतों में कटाई का काम अब भी अधूरा है। ऐसे में मंगलवार को सुबह से मौसम के करवट लेने से किसानों को अपनी फसल बचाने की चिता गहराने लगी हैं। किसी न किसी हिस्से में बूंदाबांदी हो रही है और आसमान पर बादल उमड़ घुमड़ रहे है। अधिकांश हिस्सों में काले बादलों ने आसमान को घेर लिया और तेज ठंडी हवाएं व धूल उड़ रही है। इसके साथ बादलों की गडगड़़ाहट और बिजली की चमक भी जारी रही। ऐसे में किसानों के आंखों की नींद उड़ चुकी है। बारिश हुई तो भीगने से गेहूं के दाने बर्बाद हो जाएंगे। उनकी कटाई भी नहीं हो पाएगी और किसान की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। यदि बारिश हुई तो किसानों को खाने के लाले पड़ जाएंगे। तिलांव के मोहन, सुमित पटेल, अरविद पटेल, नंदलाल आदि किसानों का कहना है कि यदि बारिश हुई तो न फसल की कटाई हो पाएगी और न ही फसल की थ्रेसिग हो पाएगी। इन्हीं सब कारणों से उक्त सभी क्षेत्रों के किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं। मौसम का मिजाज देखकर किसान चितित ड्रमंडगंज : मंगलवार को सुबह से मौसम के करवट लेने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें गहराने लगी हैं। किसी न किसी हिस्से में बूंदाबांदी हो रही है और आसमान पर बादलों का आना जाना जारी है। अधिकांश हिस्सों में काले बादलों ने आसमान को घेर लिया और तेज ठंडी हवाएं व धूल उड़ रही है। इसके साथ बादलों की गडगड़़ाहट और बिजली की चमक भी जारी रही। बारिश हुई तो भीगने से गेहूं के दाने बर्बाद हो जाएंगे। उनकी कटाई भी नहीं हो पाएगी और किसान की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। पटेहरा : विकास खंड क्षेत्र के किसानों की मौसम का मिजाज बदलता देख धड़कने तेज हो गई है। इस समय गेहूं की कटाई तेजी पर है। खलिहान में जौ, चना, सरसो, अलसी, अरहर भी रखा है। गेहूं की मड़ाई भी हो रही है जिनकी मड़ाई हो गई है उनके भूंसे तेज तूफान से उड़ कर आधा हो गए। आम व महुआ भी इस तूफान से प्रभावित हुए। किसान थका हारा अब भगवान भरोसे अपनी सारी गाढ़ी कमाई को छोड़ केवल एक ही प्रार्थना व मन्नत मांग रहा कि ओला न पड़े।

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