मकर संक्रांति पर्व पर स्नान-दान कर किया पुण्य लाभ का अर्जन

मकर संक्रांति का पर्व बुधवार को श्रद्धा उल्लास और पंरपरा के अनुसार मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कड़ाके की सर्दी और कोहरे से दो-दो हाथ करते हुए सुबह गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जन की कामना की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 06:34 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 10:56 PM (IST)
मकर संक्रांति पर्व पर स्नान-दान कर किया पुण्य लाभ का अर्जन
मकर संक्रांति पर्व पर स्नान-दान कर किया पुण्य लाभ का अर्जन

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : मकर संक्रांति का पर्व बुधवार को श्रद्धा, उल्लास और पंरपरा के अनुसार मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कड़ाके की सर्दी और कोहरे से दो-दो हाथ करते हुए सुबह गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जन की कामना की। घाटों पर भक्तों द्वारा पूजा की गई और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। सूर्योदय के पुण्यकाल को मानते हुए लोगों ने स्नान-दान किया। आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने मंदिरों में पहुंचे और तिल, चावल, गुड़ व अन्य सामग्री का दान भी किया।

मकर संक्रांति हिदुओं का प्रमुख पर्व है। इस दिन भारतीय संस्कृति के विविध स्वरूप का दर्शन होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारंभ होती है। इसलिए इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से कई गुणा अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, दान करने पर पुण्य मिलता है। इस लिए स्नान व पूजन के बाद लोगों ने दान पुण्य भी किया। मकर संक्रांति के पर्व पर तिल तथा खिचड़ी खाने की भी परंपरा है। बालूघाट स्थित सुरेश वर्मा के आवास पर स्नानार्थियों के लिए प्रसाद स्वरूप खिचड़ी वितरण की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान सुरेश वर्मा, राजकुमार वर्मा, नितिन मोहन दास, नंदकिशोर तिवारी, मस्तराम पांडेय आदि थे।

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