बोल बम के उद्घोष के साथ निकला कांवरियों का जत्था

सावन मास में बाबा के भक्तों की सिटी न गूंजे ऐसा कभी हो नहीं सकता है। शिवद्वार स्थित बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए बरियाघाट से कांवरिया संग सिटी बजाते हुए बोल बम बोलते हुए डाक बम भी रवाना हुए। रविवार को झमाझम बारिश के बीच कांवरियों का जत्था झूमकर निकला। सफेद कपड़ों में डाक बम की सिटी की आवाज या बोल बम सुनते ही जनमानस सहजता से रास्ते से हट जा रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Jul 2019 06:50 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jul 2019 06:50 PM (IST)
बोल बम के उद्घोष के साथ निकला कांवरियों का जत्था
बोल बम के उद्घोष के साथ निकला कांवरियों का जत्था

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सावन मास में बाबा के भक्तों की सिटी न गूंजे ऐसा कभी हो नहीं सकता है। शिवद्वार स्थित बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए बरियाघाट से कांवरिया संग सिटी बजाते हुए बोल बम बोलते हुए डाक बम भी रवाना हुए। रविवार को झमाझम बारिश के बीच कांवरियों का जत्था झूमकर निकला। सफेद कपड़ों में डाक बम की सिटी की आवाज या बोल बम सुनते ही जनमानस सहजता से रास्ते से हट जा रहे थे।

बरियाघाट रविवार को शिवभक्तों की सिटी व बोल बम के उद्घोष से गूंजायमान हो उठा। हर-हर महादेव के नारों से शिवालय प्रात:काल से ही गूंजायमान हो उठे। बरियाघाट स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर, तारकेश्वर महादेव मंदिर, बूढ़ेनाथ मंदिर, नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर, शिवपुर स्थित रामेश्वरम महादेव मंदिर सहित सभी शिवालयों में कांवरियों ने स्नान के बाद विधि विधान से पूजन अर्चन किया। कांवरिया जल भरकर शिवद्वार घोरावल सोनभद्र और बाबा बैजनाथ धाम के लिए रवाना हुये।

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पैरों में पड़े छाले भी नहीं डिगा पाई आस्था

नाचते गाते भोले भेष में चले कांवरिया शिवद्वार धाम

जागरण संवाददाता, कलवारी (मीरजापुर) : सावन महीने में  कांवरियों का कई  जत्था, बरियाघाट से गंगा जल भरकर बाबा शिवद्वार धाम को रवाना हुए। कई भक्तों के पैरों में तो  छाले पड़ जाते हैं, फिर भी उनका आस्था व विश्वास  अडिग नहीं है। भोलेनाथ के रूप में नाचते गाते कई कांवरिया गीत संगीत में झूमते हुए शिवद्वार धाम पहुंचते हैं। कांवरिया अपने रास्ते के कठिन डगर को भोले बाबा के नाम जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ते चले गये।

कांवरियों के जत्थे से मीरजापुर से लेकर सोनभद्र बाबा शिवद्वार तक कांवरियों का रेला चलता है। ऐसा लगता है मानो कि मीरजापुर से लेकर शिवद्वार तक एक ही लय ताल में लाइन टूट ही नहीं रहा है, मार्ग में पढ़ने वाले हर चट्टी चौराहे पर, गेरुआ कपड़ा पहने बाबा भक्त जयकारा लगाते हुए  पैदल चले जा रहे हैं। रास्ते पर पड़ने वाले  कई जगहों पर समाजसेवी द्वारा  जलपान की व्यवस्था की गई है। शिवद्वार के रास्ते में उनका अगला पड़ाव धुरकर नदी होता है, वहां पर ज्यादातर कांवरिया लिट्टी बाटी चोखा का लुत्फ उठाते हैं, वैसे तो कहीं पर भी  कांवरिया रुक कर  अपने खाने की व्यवस्था करते हैं फिर आगे बढ़ते हैं। उनके खाने-पीने की व्यवस्था व साग सब्जी के लिए  क्षेत्र में कई अस्थाई  दुकानें  सज जाती है। इन्हीं कांवरियों के जत्थे में स्वयं भोलेनाथ के रूप में एक कांवरिया जाते हुए देखने को मिला मृग छाला पहने हुए सर पर जटा लगाये एक कांवरिया शिवद्वार धाम को जा रहा था।

----------- कांवरियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस

कलवारी (मीरजापुर) : सावन के महीने में कांवरियों के व्यवस्था व सुरक्षा में प्रशासन द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ा  गया है। मजिस्ट्रेट के साथ ही जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। बरकछा में चौकी प्रभारी संतोष यादव द्वारा मय फोर्स वाहनों की चेकिग की जा रही थी। वहीं थानाध्यक्ष राजीव सिंह मौके का जायजा ले रहे थे।

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