पौधों की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्रवार बनी टीमें

इस बार वन महोत्सव में रोपे गए आठ लाख 41 हजार 50 पौधों की सुरक्षा के लिए विभाग ने कमर कस ली है और वन क्षेत्रवार टीमें बनाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 06:09 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 06:09 PM (IST)
पौधों की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्रवार बनी टीमें
पौधों की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्रवार बनी टीमें

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में कई वर्षों से लाखों पौधों का रोपण किया जा रहा है लेकिन वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के चलते हरियाली नहीं बढ़ पा रही है। बहरहाल इस बार वन महोत्सव में रोपे गए आठ लाख 41 हजार 50 पौधों की सुरक्षा के लिए विभाग ने कमर कस ली है और वन क्षेत्रवार टीमें बनाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की है।

मीरजापुर वन प्रभाग के अधीन आठ वन क्षेत्र हैं। इसमें ¨वढमफाल, पटेहरा, ड्रमंडगंज, सुकृत, मीरजापुर, चुनार, लालगंज व मड़िहान रेंज शामिल हैं। जिले में एक लाख 15 हजार हेक्टेअर वन क्षेत्र है। इसमें 95 हजार मीरजापुर वन प्रभाग का तथा 20 हजार हेक्टेअर कैमूर वन्य जीव क्षेत्र का है। जिले के क्षेत्रफल के हिसाब से भूमि का तकरीबन 20 फीसद वन क्षेत्र है। इस बार विभिन्न विभागों के सहयोग से 15 लाख से अधिक पौधे रोपे गए थे जिनमें वन विभाग ने ही अकेले साढ़े आठ लाख पौधों का रोपण किया था। सभी वन क्षेत्रों में इन पौधों की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। ग्राम वन समितियों एवं ग्रामीणों के साथ ही विभाग के वाचर, फारेस्ट गार्ड को सक्रिय किया गया है। ये लोग पौधों की देखभाल के साथ ही यदि जरूरत हुई जो बरसात के बाद उसके आस पास उगने वाले खर पतवार की सफाई भी करेंगे। इसमें अन्य संस्थाओं को भी सम्मिलित किया गया है।

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इस बार पर्याप्त पानी बरसा है इसलिए ¨सचाई की कोई परेशानी नहीं है। वन कर्मियों के साथ स्थानीय ग्रामीणों से भी सहयेाग का आह्वान किया गया है और वे सहयोग कर रहे हैं। इन दिनों सड़कें बनने के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। यदि यह बंद हो जाए तो जिले की हरियाली बढ़ सकती है।

- राकेश चौधरी, डीएफओ, मीरजापुर ।

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