अब नहीं होगी परेशानी, विवि के काउंटर से बनने लगी ट्रांसस्क्रिप्ट Meerut News
चौधरी चरण सिंह विवि में ट्रांसस्क्रिप्ट की योजना से बहुत से छात्रों को सरलता होगी। खासकर उनको जो विदेशों में एजुकेशन और नौकरी के लिए अप्लाई करना चाहते हैं।
मेरठ, जेएनएन। विवि छात्रों को अब ट्रांस स्क्रिप्ट के लिए बाहर चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने छात्रों की सहूलियत के लिए नई व्यवस्था की है। अभी तक ट्रांसस्क्रिप्ट के लिए छात्रों को साइबर कैफे का चक्कर लगाना पड़ता था। जिसके लिए साइबर कैफे वाले मनमाने तरीके से पैसे वसूलते थे छात्रों को दो तरफ से ट्रांसक्रिप्ट के लिए पैसे देने पड़ते थे।
ट्रांसस्क्रिप्ट के लिए हो रहे छात्रों को परेशानी अब नहीं झेलनी पड़ेगी। इसके लिए प्रशासन ने ट्रांसस्क्रिप्ट का कार्य शुरू कर दिया है। अभी तक छात्र इसके लिए साइवर कैफे को ज्यादा पैसे चुकाते थे। विश्वविद्यालय में 220 रूपये का शुल्क देने के बाद छात्रों को स्क्रिप्ट लिखने के लिए साइबर कैफे को पैसे देने पड़ते थे। इसके लिए साइबर कैफे वाले 200 से लेकर 300 रूपये तक छात्रों से पैसे लेते थे। जबकि विश्वविद्यालय के लेटर हेड पर ही ट्रांस स्क्रिप्ट तैयार होती थी। साइबर कैफे संचालक केवल टाइपिंग और स्क्रिप्ट लिखने के पैसे लेते थे। इससे बाहर से आने वाले छात्रों को काफी दिक्कत होती थी। लेकिन अब यह कार्य विश्वविद्यालय में शुरू हो जाने से छात्रों को होगी।
इनके लिए है यह जरूरी
ट्रांसक्रिप्ट उन छात्रों के लिए जरूरी होता है जो विदेश में एजुकेशन या नौकरी के लिए अप्लाई करते हैं। विश्वविद्यालय में अब नई व्यवस्था के तहत ट्रांस स्क्रिप्ट लिखने की प्रक्रिया भी काउंटर से कर दी है, इसमें गोपनीय विभाग में कर्मचारी बैठा हुआ है । जो ट्रांसक्रिप्ट खुद तैयार करता है छात्रों को अब केवल ट्रांसक्रिप्ट के लिए निर्धारित 220 रूपये का फॉर्म इलाहाबाद बैंक से लेना होगा। विश्वविद्यालय किसने इस व्यवस्था से छात्रों को सहूलियत होगी और साइबर कैफे की वसूली से राहत मिल गई है। हालांकि अभी भी बहुत से स्टूडेंट्स बाहर से स्क्रिप्ट्स लेकर आ रहें हैं। विवि ने ऐसे छात्रों को सचेत किया है कि वे बाहर के चक्कर में न पड़े। विवि में बनवाएं।
जेबे हो जातीं थी खाली
छात्रों को इस टांसस्क्रिप्ट बनवाने में साइवर कैफे के इतने चक्कर लगाने पड़ते थे कि उनकी पाकेट मंनी खत्म हो जाती थी। और वे परेशान रहते थे। लेकिन अब विवि में यह कार्य शुरू हो जाने से छात्रों को बडी राहत मिलेगी।