भूपेंद्र बाफर और सुशील मूंछ के गुर्गे पुलिस रडार पर

कुख्यात सुशील मूंछ और उसके बेटे टोनी की जमानत होने के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिर से गैंगवार की आशंका जताई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 06:30 AM (IST)
भूपेंद्र बाफर और सुशील मूंछ के गुर्गे पुलिस रडार पर
भूपेंद्र बाफर और सुशील मूंछ के गुर्गे पुलिस रडार पर

मेरठ, जेएनएन। कुख्यात सुशील मूंछ और उसके बेटे टोनी की जमानत होने के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिर से गैंगवार की आशंका जताई जा रही है। इस संबंध में मुजफ्फरनगर पुलिस ने एसपी सिटी से बातचीत कर भूपेंद्र बाफर और उसके गुर्गो के बारे में जानकारी जुटाई है। साथ ही सुशील मूंछ और उसके बेटे टोनी से मिलने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि जेल में रहते हुए भी भूपेंद्र बाफर अपने गुर्गों से सुशील मूंछ पर हमला करा सकता है। सुशील मूंछ की हत्या के लिए ही भूपेंद्र बाफर ने पुलिस कस्टडी से रोहित सांडू को छुड़वाया था, जो अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में ढेर हो चुका है।

मुजफ्फरनगर के कुख्यात बदमाश सुशील मूंछ और मेरठ के बदमाश भूपेंद्र बाफर एक दूसरे के खून के प्यासे हैं। सुशील मूंछ की हत्या की साजिश रचने के मामले में ही भूपेंद्र बाफर को जेल भेजा था। सुशील मूंछ और उसके बेटे टोनी की जमानत में मंसूरी के पूर्व प्रधान यशपाल का हाथ सामने आया है। यशपाल ने अन्य लोगों को जमानत के लिए तैयार किया था। साथ ही खुद भी गैंगस्टर के मुकदमे में जमानती बने है। सुशील मूंछ की जमानत को पुलिस ग्राम पंचायत चुनाव से जोड़कर देख रही है। फिलहाल पुलिस को लग रहा है कि सुशील मूंछ भी जेल में भूपेंद्र बाफर की हत्या करा सकता है। दोनों गैंगों पर मुजफ्फरनगर और मेरठ पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही है। शनिवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह से बातचीत की। उन्होंने भूपेंद्र बाफर और उसके पूरे गैंग की हिस्ट्री ली है। ताकि देखा जा सकें कि जेल में रहते हुए भूपेंद्र बाफर की मदद कौन कर रहा है। उसके साथ ही सुशील मूंछ के शूटरों की भी जानकारी जुटा ली गई है। इतना ही नहीं सुशील मूंछ से मिलने वालों का भी पुलिस रिकॉर्ड तैयार कर रही है। ताकि कोई भी अनहोनी न हो सकें।

इनका कहना है..

सुशील मूंछ और भूपेंद्र बाफर के पूरे गैंग का रिकॉर्ड जुटा लिया है। दोनों कुख्यातों पर जेल से लेकर घर तक नजर रखी जा रही है। दोनों के गुर्गो की भी निगरानी की जा रही है। किसी ने भी कानून हाथ में लेने की कोशिश की तो सख्ती से निपटा जाएगा। जमानतदारों से भी पुलिस पूछताछ कर जानकारी जुटाएगी।

-राजीव सभरवाल, एडीजी।

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