साइकिल से दुनिया की दूरी नाप चुके हैं मेरठ के सचिन पंवार, कभी देसी साइकिल से की थी शुरूआत

मेरठ के सचिन पंवार का साइकलिंग प्रतियोगिता में कमाल का प्रदर्शन रहा है। ये दुनियां भर में मेरठ और प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। इन्‍होंने देसी साइकिल से कभी प्रतियोगिता में भाग लिया था। अब ये तैयारी के साथ प्रशिक्षण भी देते हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 12:41 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 04:56 PM (IST)
साइकिल से दुनिया की दूरी नाप चुके हैं मेरठ के सचिन पंवार, कभी देसी साइकिल से की थी शुरूआत
अंतरराष्‍ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान सचिन पंवार ।

[अमित तिवारी] मेरठ। पसंद जब दीवानगी बन जाए तो प्रेरित करती है और दीवानगी जब जुनून बन जाए तब व्यक्ति को लक्ष्य तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसी ही कहानी मेरठ के अंतरराष्ट्रीय साइकिलिस्ट सचिन कुमार पंवार ने भी लिखी है। घर से बिना बताए साइकिल चलाने के लिए दिल्ली क्या पहुंचे, उन्होंने तो साइकिल पर बैठकर दुनिया भर की दूरी ही नाप डाली। 15 सालों से लगातार हर साल राष्ट्रीय साइकिलिंग प्रतियोगिता में पदक विजेता रहने के साथ ही 10 साल तक विदेशी धरती पर भी तमाम साइकिल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन किया है। मेरठ में गंगानगर के रहने वाले सचिन पंवार साल 2005 से साइकिलिंग कर रहे हैं और अब तक उनका साइकिल चलाना अनवरत जारी है। खुद प्रोफेशनल साइकिलिस्ट रहने के बाद अब वह नई पीढ़ी को भी आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं, जो प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेरठ का नाम रोशन कर रहे हैं।

दुनिया भर की टीमों संग फहराई है विजय पताका

सचिन कुमार साइकिलिंग की दुनिया की तमाम टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले चुके हैं। अमेचर टीमों की बात करें तो साल 2010 में यूसी फेलेटिन इन इन क्रूज फ्रांस का हिस्सा थे। इसी टीम के साथ साल 2012 में भी सचिन ने प्रतिभाग किया। 2013 में भारत में टीम ट्रेक फायरफाक्स के साथ रहे। 2014 में इटली के मार्सियोल एमेस्फेरो के साथ रहे। 2015 में चीन की क्विक साइकिलिंग टीम के साथ रहे। 2016 में चीन के ही कैननडेल स्टोन टीम का हिस्सा रहे। कंटीनेंटल टीमों में 2014 में सीएनएन साइकिलिंग टीम के साथ जुड़े रहे। भारत की राष्ट्रीय टीम में 2005 से लगातार जुड़े रहे हैं। देश और दुनिया की जानी-मानी साइकिलिंग प्रतियोगिताओं में सचिन ने जीत भी हासिल की है। इनमें ग्रैंड टूअर्स, नेशनल चैंपियनशिप, नेशनल गेम्स, बेंगलुरु साइक्लोथन, मुंबई साइक्लोथन, दिल्ली साइक्लिोथन, चंडीगढ़ साइक्लिोथन, नासिक साइक्लिोथन, मुंबई से पुणे रेस, पुणे से बारामती, शाहजहां इंटरनेशनल साइकिलिंग टूर, टूर आफ़ प्यांग लेक, ला लीमोसिनी और सिंगल डे रेस एंड क्लासिक शामिल है।

जब दौड़ा दी ट्रैक पर देसी साइकिल

साइकिल चलाने के शौकीन सचिन पंवार ने एक दिन घर में किसी को बिना बताए ही दिल्ली का रुख कर लिया। वहां स्टेडियम की ट्रैक पर देशी साइकिल से ही फर्राटा भर दिया। साइकिल की रफ्तार देखकर साइक्लिंग कोच कृपाल व त्रिलोचन की हैरानी का ठिकाना न रहा। उन्होंने सचिन को एक महीने की ट्रेनिंग दी। इसके बाद प्रदेश स्तरीय साइकिल प्रतियोगिता में सचिन ने हिस्सा लिया और अंडर-19 आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके बाद सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देख। आगे देखा और बढ़ना शुरू कर दिया। फिर क्या था। वह अपनी साइकिल से आगे बढ़ते गए और देश की सीमाओं का रास्ता नापने के बाद हांगकांग, फ्रांस, इटली, चीन, दुबई आदि देशों की साइकिल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और प्रतियोगिताओं के साथ ही दुनिया दिल भी जीत लिया।

नेशनल में स्वर्ण से शुरू हुआ सिलसिला

मेरठ में भावनपुर क्षेत्र के भूड़पुर निवासी सचिन पंवार ने साल 2005 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक स्वर्ण व तीन रजत पदक के साथ दमदार उपस्थित दर्ज कराई। 2005 में सचिन ने द्वितीय आंध्र प्रदेश में आयोजित नेशनल माउंटेन बाइक चैंपियनशिप के आइटीटी अंडर-17 व अंडर-19 और मास स्टार्ट दोनों इवेंट में हिस्सा लिया और पदक जीते। इसी तरह 2006 व 2007 में तृतीय नेशनल रोड साइकिल चैंपियनशिप में हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश की सभी प्रतियोगिताओं में पदक विजेता रहे। साल 2008 में चतुर्थ नेशनल रोड साइकिल चैंपियनशिप मध्य प्रदेश और तृतीय मुंबई से पुणे किंग आफ द घाट महाराष्ट्र में पदक जीता। 2009 में दठे मुंबई से पुणे और द्वितीय बेंगलुरू साइक्लोथन कर्नाटक में विजेता रहे। 2010 में चौथे बेंगलुरू साइक्लोथन कर्नाटक और चौथे नेशनल ट्रैक साइकिल पंजाब में विजेता रहे। उसी साल प्रथम आल इंडिया ट्रैक साइकिल यूनिवर्सिटी प्वाइंट रेस, प्रथम दिल्ली साइक्लोथन और द्वितीय पुणे से बारामती में प्रथम स्थान पर विजेता रहे। सचिन पंवार ने साल 2011 में सात साइकिल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और जीतकर भी लौटे।

2012 में विदेशी प्रतियोगिताओं में लिया हिस्सा

राष्ट्रीय स्तर की साइक्लिंग प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद सचिन पंवार ने विदेशी माटी का रुख किया। साल 2012 में उन्हें वह मौका मिला तो यहां भी प्रदर्शन में कोई कमी नहीं छोड़ी। 2012 में फ्रांस के तृतीय सेंट गौसाद प्रतियोगिता और तृतीय ला लिमोसिन प्रतियोगिताओं में तीसरे स्थान पर विजेता रहे। 2012 में ही बिहार में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शामिल हुए। 2013 में प्रथम नंदी रेस बेंगलुरू, 25वें दुबई शारजहां इंटरनेशनल टूर, तृतीय रोड नेशनल चैंपियनशिप हरियाणा, थर्ड टूर दे इंडिया, सातवें टूर दे इंडिया में हिस्सा लिया और प्रथम व तृतीय स्थान पर रहे। 2014 में प्रथम टूर दे पोलो अहमदाबाद में विजेता रहे। 28 दिसंबर 2014 को लौफो माउंटेन ग्वांगडोंग में प्रथम स्थान पर रहे।

2015 की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रहा दबदबा

सचिन पंवार के अनुसार साल 2015 में उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी रही थी। 25 जनवरी शेनजेन में प्रथम, एक फरवरी हांग कांग टीम द्वितीय व रोड रेस टाप-10 में रहे। 28 मार्च झांगजियाजी में स्टेज-वन में प्रथम और स्टेज-दो में पांचवां स्थान रहा। 25 अप्रैल हेनान में छठा स्थान, 28 मई को जिनजियांग सैलिमु लेक में चौथे स्थान पर रहे। सात जून को फुजियान पिंग्टन रेस में तृतीय रहे। 27 जून हेफे में पांचवां स्थान रहा। पांच जुलाई हुनान झांगजियाजे एमटीबी रेस में प्रथम रहे। 11 जुलाई को हुनान जिसो रोड रेस में चतुर्थ रहे। 18 जुलाई हुआंगसम रोड में 10वें स्थान पर रहे। 13 अगस्त चेनझो एमटीबी रेस में आठवें स्थान पर रहे। 23 अगस्त को शेनजेन साइक्लिंग टूर्नामेंट में नौवां स्थान रहा। पांच सितंबर को शेनजेन साइक्लिंग टूर्नामेंट में प्रथम रहीं। 12 से 26 सिंबर तक प्यांग लेग में हुए 35वें जनरल क्लासिफिकेशन में 23वें स्थान पर रहे। इस रेस में दो जगह साइकिल खराब हुई। 18 अक्टूबर शेनजेन में छठा स्थान, नौ से 14 नवंबर वाइजीएफ इंटरनेशनल रेस में पांचवें स्थान पर रहे। 22 नवंबर बाय्युम फुजियांन, 28 नवंबर योंगन फूजियान, 29 नवंबर फूजो फूजियान, 16 व 20 दिसंबर यमन फूजियान में पदक विजेता रहे। इसी तरह साल 2016 में भी छह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जून तक हिस्सा लिया।

अब नेशनल में हिस्सा ले रहे प्रशिक्षु

सचिन पंवार के अनुसार अब उन्होंने प्रोफेशनल साइकिल रेस में हिस्सा लेना बंद कर दिया है। करीब पांच साल पहले गंगानगर में ही साइकिल का कारोबार शुरू किया। सचिन के पास तीन हजार से लेकर तीन लाख से भी अधिक दाम की एक से बढ़कर एक साइकिल मिलेती है। वह लोगों को उनकी जरूरत के अनुरूप साइकिल सेट कर के प्रदान करते हैं जिससे साइकिल चलाने वाले को उसका लाभ भी होगा। इसके साथ ही उन्होंने आस-पास के बच्चों को साइकलिंग सिखाना भी शुरू कर दिया। पांच मार्च 2021 से मुंबई में होने जा रही राष्ट्रीय साइक्लिंग चैंपिनशिप में सचिन के प्रशिक्षित साइक्लिस्ट भी हिस्सा लेने गए हैं। सचिन शहर के लोगों को भी साइक्लिंग के प्रति जागरूक करने के साथ ही साइकिल चलाने वालों के प्रति भी आदरभाव लोगों में देखना व उन्हें बताना चाहते हैं। आज भी सचिन हर दिन सुबह चार साइकिल चलाने निकलते हैं। 

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