साबरी-केडिया बंधुओं ने निभाई संगीत की 'परंपरा'

रोद सितार और तबले की जुगलबंदी से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। आरजी पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में रविवार को ज्यों ही मोर मुकुट केडिया-मनोज केडिया ने सितार और सरोद के सुर छेड़े तो श्रोता सुनते ही रह गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Apr 2019 05:00 AM (IST) Updated:Mon, 01 Apr 2019 06:33 AM (IST)
साबरी-केडिया बंधुओं ने निभाई संगीत की 'परंपरा'
साबरी-केडिया बंधुओं ने निभाई संगीत की 'परंपरा'

मेरठ । सरोद, सितार और तबले की जुगलबंदी से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। आरजी पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में रविवार को ज्यों ही मोर मुकुट केडिया-मनोज केडिया ने सितार और सरोद के सुर छेड़े तो श्रोता सुनते ही रह गए। आरजी पीजी कॉलेज में 'स्वरसुध' के अध्यक्ष राकेश जौहरी ने उनके पिता पंडित प्रेम प्रकाश जौहरी की स्मृति में शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया। शुरुआत सुहानी और सावनी जौहरी की गाई दुर्गा स्तुति से हुई।

विख्यात शास्त्रीय संगीतज्ञ केडिया बंधुओं की सितार-सरोद की जुगलबंदी और ऊपर से रफीउद्दीन के तबले की संगत पर श्रोता मुग्ध होते रहे। केडिया बंधुओं ने रागपूरिया कल्याण और मिश्रपीलू की झंकार से श्रोताओं को झंकृत किया। उस्ताद रफीउद्दीन ने भी तबले की खूब थाप बजाई। समापन रघुपति राघव राजाराम से हुआ, जो करीब आधा घंटा चलता रहा। आखिर में सभी श्रोता तीनों कलाकारों के सम्मान में देर तक तालियां बजाते रहे।

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7 साल की उम्र से 45 साल का साथ

मोर मुकुट केडिया (56) और मनोज (55) केडिया झारखंड के ग्रिडी के रहने वाले हैं। दोनों ने 7 साल की आयु में पहली प्रस्तुति दी थी। केडिया बंधुओं ने कहा कि वे दोनों पहली बार मेरठ आए और यहां की मेहमाननवाजी और प्यार के कायल हो गए। उन्होंने कहा कि युवाओं को शास्त्रीय संगीत में धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। शास्त्रीय संगीत साधना का विषय है।

सभी घरानों का तबला बजाता हूं: साबरी

मशहूर तबलानवाज रफीउद्दीन साबरी ने कहा कि वह सभी घरानों की शैली में वादन करते हैं। उनके पूर्वज मूल रूप से हरियाणा के करनाल जिले के निवासी थे, लेकिन उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। वह बनारस, दिल्ली, अजराड़ा, फर्रुखाबाद सहित लगभग सभी घरानों की शैली में वादन करते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, वकील, इंजीनियर तैयार होने की समयसीमा होती है, लेकिन संगीतकार अनवरत साधना के बाद ही बना जाता है।

ये रहे मौजूद

मुख्य अतिथि डॉ. अदीप मित्रा और राहुल मित्तल रहे। संचालन दीप्ति बंसल ने किया। इस दौरान दीवान पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य एचएम राउत, रागिनी प्रताप, दीपक शर्मा, अनूप सिंघल, मोनिका मित्तल, डॉ. सुब्रतो सेन और आरजी पीजी कॉलेज का स्टाफ रहा।

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