LokSabha Election 2019 : भाजपा का नया 'हुकुम' कैराना सीट पर चौंकाने वाला फैसला

कैराना से प्रदीप चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया गया है। पूर्व सांसद स्व.बाबू हुकुम सिंह की सियासी सरजमीं पर भाजपा ने पहली बार शामली के बजाय सहारनपुर के किसी प्रत्याशी को उतारा है।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Sun, 24 Mar 2019 01:16 PM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 01:16 PM (IST)
LokSabha Election 2019 : भाजपा का नया 'हुकुम' कैराना सीट पर चौंकाने वाला फैसला
LokSabha Election 2019 : भाजपा का नया 'हुकुम' कैराना सीट पर चौंकाने वाला फैसला
मेरठ, जेएनएन। भाजपा नेतृत्व ने तमाम उम्मीदों और कयासों से इतर शनिवार को पश्चिम की तीन लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के रहस्य से पर्दा हटा दिया। शामली की कैराना लोकसभा सीट पर सहारनपुर के गंगोह विधायक प्रदीप चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। पूर्व सांसद स्व.बाबू हुकुम सिंह की सियासी सरजमीं पर भाजपा ने पहली बार शामली के बजाय सहारनपुर के किसी प्रत्याशी को उतारा है। बुलंदशहर में सांसद भोला सिंह को टिकट देकर जातीय समीकरण साधने का तीर चलाया है, जबकि नगीना में डा. यशवंत सिंह के नाम पर मुहर लगाना उन पर दोबारा भरोसे की तस्दीक है। दरअसल,राज करने की नीति ही राजनीति है। यह खेल भी शतरंज सरीखा है। मोहरे सही दिशा में चल रहे हैं तो फतेह,वरना नुकसान।
सहारनपुर के गुर्जर छत्रप पर जताया भरोसा
भाजपा नेतृत्व ने शनिवार को चौंकाने वाला फैसला लेते हुए कैराना लोकसभा सीट पर सहारनपुर के गुर्जर छत्रप और गंगोह विधायक प्रदीप चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। यह पहला मौका है जब भाजपा ने शामली के बजाय सहारनपुर के किसी प्रत्याशी को इस सीट से उतारा है। कैराना लोकसभा सीट पर टिकट को लेकर एक सप्ताह से जंग जारी थी। पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह,प्रदीप चौधरी,अनिल चौहान व यशवीर सिंह टिकट की कतार में थे। भाजपा इस सीट पर गुर्जर प्रत्याशी को उतारने का मन बना चुकी थी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की पैरोकारी के चलते मृगांका सिंह को टिकट मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने नामांकन-पत्र भी ले लिया था।
मृगांका सिंह के विरोध से बदला फैसला
उधर,भाजपा का एक खेमा मृगांका सिंह का विरोध करते हुए प्रदीप चौधरी के टिकट की पैरोकारी में था। पार्टी नेतृत्व ने उपचुनाव हार चुकीं मृगांका सिंह के बजाय गंगोह विधायक प्रदीप चौधरी पर विश्वास जताया। बताते हैं कि प्रदीप चौधरी के नाम पर गुरुवार को ही मोहर लग चुकी थी लेकिन राजनाथ सिंह के विरोध के कारण घोषणा नहीं की गई। प्रदीप चौधरी के उम्मीदवार घोषित होते ही गंगोह, नकुड़ में समर्थक झूम उठे लेकिन कैराना में सन्नाटा है। पूर्व सांसद स्व.हुकुम सिंह के फार्म हाउस पर एकत्र भाजपा कार्यकर्ता व गुर्जर बिरादरी के लोग मृगांका के टिकट कटने का विरोध कर रहे हैं।
प्रदीप चौधरी का राजनीतिक सफर
विधायक प्रदीप चौधरी के पिता मास्टर कंवरपाल गुर्जर 1989 में जनता दल से विधायक बने। 1991 में निर्दलीय विधायक रहे जबकि 1996 में लोकदल से इसी सीट से विधायक बने। 2000 में उनका निधन हो गया। इसके बाद वर्ष 2000 में हुए उपचुनाव में प्रदीप चौधरी नकुड़ सीट से लोकदल के टिकट पर विधायक बने। वर्ष-2002 व 2007 में सपा से विधानसभा चुनाव में टिकट मिला लेकिन हार गए। 2011 में नया परिसीमन हुआ। इसमें नकुड़ विधानसभा का हिस्सा काटकर सरसावा विधानसभा को गंगोह विधानसभा बनाया गया। 2012 के चुनाव में प्रदीप कांग्रेस के टिकट पर गंगोह से पहले विधायक बने। 2016 में वह भाजपा में शामिल हुए। 2017 में वह गंगोह से भाजपा से चुनाव लड़े और 38 हजार मतों से जीते। 
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