मेरठ औद्योगिकीकरण में पांच फीसद की बढ़त पर, जानिए कितना रहा योगदान Meerut News

यह एक सुखद खबर है। मेरठ शहर को प्रदेश का कमाऊ पूत यूं ही नहीं कहा गया। खिलाफ हवा में भी इस शहर के औद्योगिक सेक्टर ने सफलता का चिराग जलाया।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 24 Sep 2019 01:28 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 01:28 PM (IST)
मेरठ औद्योगिकीकरण में पांच फीसद की बढ़त पर, जानिए कितना रहा योगदान Meerut News
मेरठ औद्योगिकीकरण में पांच फीसद की बढ़त पर, जानिए कितना रहा योगदान Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। मेरठ को प्रदेश का कमाऊ पूत यूं ही नहीं कहा गया। खिलाफ हवा में भी औद्योगिक सेक्टर ने सफलता का चिराग जलाया। उत्तर प्रदेश विकास सांख्यिकी के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश की जीडीपी में मेरठ का अंशदान 3.22 फीसद है, जो अनुमान से सवा फीसद ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में जहां गैर-कृषि क्षेत्र का योगदान 75.55 फीसद है, वहीं मेरठ में यह आंकड़ा 80 फीसद मिला।

कृषि पर भारी उद्योग

उत्तर प्रदेश योजना विभाग के आंकड़ों पर चौ. चरण सिंह विवि के वीसी व अर्थशास्त्री प्रोफेसर एनके तनेजा ने रिपोर्ट बनाई। डा. तनेजा ने बनारस में साड़ी, भदोही में कालीन, मुरादाबाद में ब्रास व कानपुर की लेदर इंडस्ट्री समेत कई पैमानों पर आंकड़ा बनाया। ज्यादातर जिलों में गैर कृषि क्षेत्र का अंशदान 80 प्रतिशत को नहीं छू पाया।

सांख्यिकी विभाग की रिपोर्ट

प्रदेश योजना विभाग और यूपी विकास सांख्यिकी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश की जीडीपी को 80 जिलों की कसौटी पर रखने पर मेरठ का हिस्सा करीब 1.93 फीसद होना चाहिए था, जो अब 3.22 फीसद बन गया है। करीब सवा फीसद से ज्यादा के अंतर को विशेषज्ञ महत्वपूर्ण मान रहे हैं। मेरठ में उर्वर खेतीबाड़ी के बावजूद औद्योगिकीकरण का पलड़ा भारी है, जो विकास का संकेतक है।

कुछ यूं उभरी मेरठ की आर्थिक ताकत

-खेतीबाड़ी के साथ संगठित व गैर-संगठित उद्योगों का बड़ा विस्तार हुआ। कुटीर उद्योगों में आचार-मुरब्बा बनाने, गेंद सिलाई, कैंची व एंब्रोइडरी का उद्योग पनपा।

-स्पोट्र्स समेत 30 निर्यातक इकाइयां हैं। संपन्न जैव फूड इंडस्ट्री, 25 हजार से ज्यादा पावरलूम का कारोबार फैला।

-1500 करोड़ की खेल इंडस्ट्री। 170 से ज्यादा देशों तक फैला हुआ बाजार।

-मेरठ मंडल प्रदेश का 75 प्रतिशत भूमि राजस्व देता है। इसमें जिले का बड़ा अंशदान है।

-गन्ने की खेतीबाड़ी से किसानों की खरीद क्षमता बढ़ी। औषधीय खेती से भी लाभ अर्जित कर रहे हैं।

-दिल्ली के नजदीक होने से मेरठ में दर्जनों कारपोरेट आफिस खुले। पांच साल पहले एक आर्थिक सर्वे एजेंसी ने मेरठ की खरीद क्षमता को बंगलुरू, लखनऊ व हैदराबाद से भी बेहतर माना था। बीमा, म्यूचुअल फंड का भी आंकड़ा बढ़ा।

यह है यूपी की तस्वीर

-जीडीपी करीब 7 प्रतिशत।

-मेरठ का अंशदान-3 प्रतिशत

-देश में रैंक-6

-मेरठ की अनुमानित जीडीपी-9 फीसद

इनका कहना है

जब जीडीपी में गैर कृषि सेक्टर की भागीदारी ज्यादा मिले तो स्पष्ट है कि वहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी में भी मेरठ का अंशदान 1.25 फीसद ज्यादा मिला, जो विकास का संकेतक है। मेरठ की जीडीपी 9 से 10 फीसद के बीच रह सकती है।

- प्रोफेसर एनके तनेजा, वीसी, सीसीएसयू 

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