बायोमेट्रिक मशीन फर्जीवाड़ा: करोड़ों के खाद्यान्न घोटाले में तत्कालीन डीएसओ की गर्दन फंसी

क्राइम ब्रांच ने प्रमुख सचिव को पत्र लिख बायोमेट्रिक मशीनों में फर्जीवाड़ा करने के मामले में तत्कालीन डीएसओ सुनील कुमार पुष्कर को आरोपित बनाने की अनुमति मांगी। बायोमेट्रिक मशीन में फर्जीवाड़ा कर कोटेदारों ने ही निकाल लिया था राशन।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 06:00 AM (IST)
बायोमेट्रिक मशीन फर्जीवाड़ा: करोड़ों के खाद्यान्न घोटाले में तत्कालीन डीएसओ की गर्दन फंसी
Biometric Machine Forgery: DSO also got caught in the food scam

मुजफ्फरनगर, [राशिद अली]। बायोमेट्रिक मशीनों में फर्जीवाड़ा कर गरीबों के हिस्से का करोड़ो का राशन हड़प किए जाने के मामले में तत्कालीन डीएसओ सुनील कुमार पुष्कर की गर्दन भी फंसती जा रही है। घोटाले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने साक्ष्य मिलने पर प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर तत्कालीन डीएसओ सहित कई पूर्ति निरीक्षकों को मामले में आरोपित बनाए जाने की अनुमति मांगी है।

यह था मामला

बायोमेट्रिक मशीन में फर्जीवाड़ा कर जिले के नगरीय क्षेत्रों में 64 से अधिक आधार कार्ड नंबरों को 19795 से अधिक बार प्रयोग कर पात्रों के हिस्से का करोड़ो का खाद्यान्न उठा लिया गया था। वर्ष 2018 में प्रकाश में आए इस खाद्यान्न घोटाले पर जागे जिला पूर्ति विभाग ने नगरीय क्षेत्रों के सात थानों में 13 मुकदमे दर्ज कराए थे। जिसके बाद मामले की जांच क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दी गई थी। विवेचना कर रही क्राइम ब्रांच के सामने घोटालेबाजों के विरुद्ध् साक्ष्य जुटाने में सबसे बड़ी मुश्किल आधार कार्ड ङ्क्षलक खोलने में आ रही थी, लेकिन हाईकोर्ट के दिशा निर्देश के बाद क्राइम ब्रांच की विवेचना ने गति पकड़ ली। क्राइम ब्रांच ने अब तत्कालीन डीएसओ सुनील कुमार पुष्कर, तत्कालीन क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी जगबीर ङ्क्षसह तथा पूर्ति निरीक्षक मोहिनी मिश्रा को मुकदमों में आरोपित बनाने की अनुमति शासन से मांगी है।

खाद्यान्न घोटाले में कार्रवाई के दायरे में 146 राशन डीलर

यूआइडीएआइ (यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया) की आधार बायोमेट्रिक आथेंटिकेशन तकनीक का दुरुपयोग कर राशन कार्ड धारकों का राशन आहरण करने के आरोप में जनपद के शहर कोतवाली, सिविल लाइन, नई मंडी, मीरापुर, जानसठ व भौराकलां तथा पुरकाजी थानों में 146 राशन डीलरों के विरुद्ध् धोखाधड़ी, आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा 66 आइटी एक्ट में मुकदमे दर्ज किये गए थे।

इन्होंने कहा...

खाद्यान्न घोटाले में दर्ज मुकदमों के संबंध में विवेचना अंतिम दौर में है। साक्ष्य मिलने पर तत्कालीन डीएसओ सहित कई अन्य कर्मियों को आरोपित बनाए जाने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।

-दुर्गेश कुमार सिंह, एसपी क्राइम

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