बायोलाजी में डायग्राम के साथ लिखें सटीक उत्तर

काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की आइएससी 12वीं की बायोलाजी परीक्षा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:15 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:15 PM (IST)
बायोलाजी में डायग्राम के साथ लिखें सटीक उत्तर
बायोलाजी में डायग्राम के साथ लिखें सटीक उत्तर

मेरठ, जेएनएन। काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की आइएससी (12वीं) की बायोलाजी की परीक्षा वर्तमान डेटशीट के अनुसार सात जून को है। काउंसिल की ओर से कोई बदलाव हुआ तो उसकी सूचना भी जल्द जारी की जाएगी। छात्रों के लिए इस पेपर की तैयारी के लिए अभी डेढ़ महीने से अधिक समय शेष है। छात्र-छात्राओं के अभ्यास के लिए बायोलाजी का माडल पेपर प्रकाशित किया जा रहा है। विशेष तौर पर मेडिकल क्षेत्र में आगे बढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण पेपर है। इस विषय की अच्छी तैयारी के लिए जरूरी टिप्स दे रही हैं सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल की शिक्षिका इंदु शर्मा।

ट‌र्म्स लिखने के बाद हाईलाइट या अंडरलाइन करें

बायो के पेपर में बेहतर अंक स्कोर करने के लिए हर प्रश्न के साथ डायग्राम बनाना बेहद जरूरी है। परीक्षार्थी द्वारा बनाए गए डायग्राम कलाकारों की भांति बेशक न हों, लेकिन लेबलिग ठीक होनी चाहिए। इससे थ्योरी में थोड़ा गड़बड़ होने पर भी डायग्राम से पूरे अंक मिल जाते हैं। इसके साथ ही बायोलाजिकल टर्म सही तरीके से लिखना जरूरी है। गलत स्पेलिग से अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है। इन ट‌र्म्स को लिखने के बाद हाईलाइट या अंडरलाइन कर दें।

उत्तर टू द प्वाइंट हो

बोर्ड परीक्षा में इस साल कम किए गए सिलेबस का भी ध्यान रखें। अपडेटेड सिलेबस से ही पढ़ाई करें और काउंसिल के पेपर पैटर्न का अभ्यास करते रहें। बायोलाजी में परीक्षार्थियों को प्रश्नों का उत्तर देते समय अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। परीक्षार्थी जो भी उत्तर लिखें, उसका जवाब टू द प्वाइंट हो। जितने अंक का प्रश्न और जितनी जानकारी पूछी जाए, उतना ही लिखें। इससे समय की बचत के साथ ही सटीक जवाब से परीक्षक को भी अंक देने में सहुलियत होती है।

थ्योरी के साथ डायग्राम का भी अभ्यास करें

केवल थ्योरी याद करने से बायो के टापिक भूल जाते हैं। इसलिए हर दिन हर प्रश्न के साथ उसका डायग्राम बनाकर अभ्यास करना बेहद जरूरी होता है। इससे थ्योरी तो याद होती ही है, उस बिंदु पर अच्छी पकड़ बन जाती है। डायग्राम के बेहतर अभ्यास से परीक्षा में अधिक सोचना नहीं पड़ता। यही पकड़ बोर्ड परीक्षा के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मददगार होती है।

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