10 दिनों से लुदुहीं में खड़ी हैं धान लदी ट्रालियां

जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) धान बेचने को आनलाइन टोकन की अनिवार्यता वापस होने के बाद धान ब

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Jan 2022 05:17 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jan 2022 05:17 PM (IST)
10 दिनों से लुदुहीं में खड़ी हैं धान लदी ट्रालियां
10 दिनों से लुदुहीं में खड़ी हैं धान लदी ट्रालियां

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : धान बेचने को आनलाइन टोकन की अनिवार्यता वापस होने के बाद धान बेचने की जगी आस अब मर रही है। साधन सहकारी समिति लुदुहीं पर बीते दस दिनों से धान बेचने को ट्रालियों में लेकर आए किसान कड़ाके की ठंड में रतजगा करने को विवश हैं।

तमाम बाध्यकारी अनिवार्यता समाप्त कर शासन ने सभी किसानों के धान की खरीद करने का निर्देश दिया। चुनावी वर्ष में शासन की यह मंशा एवं निर्देश सहकारिता क्षेत्र के लिए बेमानी हैं। क्षेत्र के अधिसंख्य किसानों ने अपना धान केंद्रों पर बेंच दिया है पर छोटे एवं गरीब, कोई पहुंच न रखने वाले किसान अभी तक धान नहीं बेंच सके हैं। साधन सहकारी समिति लुदुहीं पर क्रय विक्रय प्रक्रियात्मक समिति के स्थापित क्रय केंद्र पर कभी बोरे की अनुपलब्धता तो कभी गोदाम में स्थानाभाव के कारण खरीद ठप रहना आम बात हो गई है। 10 दिन पूर्व सहकारिता विभाग ने कस्टम मिल्ड राइस (कुटाई के बाद भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में अनिवार्य रूप से जमा किए जाना वाला चावल) जमा न होने के चलते बोरे न आवंटित किए जाने का कारण बताया तो कई राइस मिल संचालकों ने इस आरोप को मनगढ़ंत बताया। बहरहाल विभाग ने दो-तीन दिनों में समस्या हल कर खरीद संचालित किए जाने का आश्वासन दिया। अब जबकि इस आश्वासन को ठीक एक सप्ताह बीत चुका है, स्थिति जस की तस है। गोदाम से न तो क्रय किया गया संपूर्ण धान राइस मिल को भेजा गया न आनलाइन बोरे निर्गत किए गए। उधर दस दिनों से किसान धान बेचने की आस में ट्राली वापस नहीं ले गए हैं। किसान पाली बनाकर केंद्र पर दिन रात उपस्थित रहकर सर्द मौसम से दो-दो हाथ करने को विवश हैं। अब देखना यह कि विभाग खरीद को बची एक माह की समय सीमा में इस आस को पूरा करता है या किसान व्यवस्था को कोसते हुए धान वापस ले जाते हैं।

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समस्या संज्ञान में है। सहकारिता विभाग को खरीद की व्यवस्था करने को कड़ा निर्देश दिया गया है। इसके निस्तारण में प्रशासन भी जुटा है। शीघ्र ही बचे किसानों के धान की खरीद की जाएगी।

- भानु प्रताप सिंह अपर जिलाधिकारी (नोडल अधिकारी धान खरीद)

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