पशु पकड़ने के नहीं चलता अभियान

बेसहारा पशुओं को पकड़ने के सारे औजार मौजूद हैं बावजूद पालिका द्वारा जानलेवा पशुओं को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 04:58 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 04:58 PM (IST)
पशु पकड़ने के नहीं चलता अभियान
पशु पकड़ने के नहीं चलता अभियान

समस्या:::: फोटो--

सबहेड- बेसहारा पशु घातक फिर भी पालिका बनी हुई है मूकदर्शक

-काजी हाउस व कान्हा उपवन के लिए तलाशती ही रह गई भूमि

-बाजार, चौराहा हो या गली-मोहल्ला हर जगह पशुओं का जमघट

जागरण संवाददाता, मऊ : बेसहारा पशुओं को पकड़ने के सारे औजार मौजूद हैं बावजूद पालिका द्वारा जानलेवा पशुओं को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाता है। प्रशासन के उच्चाधिकारियों का जब कभी निर्देश आता है तो पागल व बीमार पशुओं को झांपी में डालकर पालिका कर्मी शहर के बाहर उसे छोड़ आते हैं। इसके अलावा कभी ऐसा अभियान नहीं चलता जिससे कि यहां के लोगों को घुमंतू पशुओं से राहत मिले।

आलम यह है कि सदर चौक का बाजार हो या चौराहा अथवा गली-मुहल्ला हर जगह पशुओं का दिन भर जमघट लगा रहता है। कभी-कभी तो वे सड़क के बीच ही बैठ जाते हैं। इससे वाहन चालकों को तो दिक्कतें होती ही हैं साथ में बच्चों एवं महिलाओं को जो पैदल चलते हैं, उन्हें इनसे दुर्घटना का भी भय सताता रहता है।

नगर स्थित काजी हाउस 36 साल पहले बंद हो चुका है। निकाय प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी का यहां तक दावा है कि काजी हाउस केवल यहीं नहीं बल्कि सूबे के हर निकायों में बंद हो चुका है। वर्तमान समय में शासन द्वारा फिर से कांजी हाउस व कान्हा उपवन खोलने हेतु निर्देश दिए जा रहे हैं कितु स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि व अधिकारियों को इसके लिए जमीन ही नहीं मिल रही है। इनसेट--

काजी हाउस की जगह बन गया स्कूल व पंप हाउस

तीन दशक पहले शहर कोतवाली के पास काजी हाउस हुआ करता था। घुमंतू जानवरों को पकड़ने के लिए अलग से कर्मी भी रहते थे पर शनै: शनै: उक्त सुविधाएं समाप्त होती गईं। पालिका का जहां काजी हाउस बना हुआ था वहां पालिका ने स्कूल व पंप हाउस बनवा दिया। जबकि शहर में घूमते अवारा पशुओं की समस्या काफी जटिल होती जा रही है। लाख दावों और कोशिशों के बावजूद नगर पालिका समस्या का समाधान करने में असफल साबित हो रही है। इसका खामियाजा सीधे तौर पर शहर के बेकसूर नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। यातायात में बाधक बनते पशु, फिर भी नहीं बना प्लान

इन दिनों शाम होते ही चौराहों से लगायत गली-मोहल्लों तक में मवेशियों का जमावड़ा हो जा रहा है। इनसे आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। अक्सर मवेशियों को बचाने के चक्कर में बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। बावजूद इसके पशुओं को पकड़ने के बाबत कोई योजना नहीं बनाई गई।

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