छलावा साबित हो रहे किए गए दावे

By Edited By: Publish:Thu, 21 Aug 2014 07:00 PM (IST) Updated:Thu, 21 Aug 2014 07:00 PM (IST)
छलावा साबित हो रहे किए गए दावे

घोसी (मऊ) : घोसी विद्युत उपकेंद्र से जुड़े नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए बिजली आपूर्ति के शेडयूल को लेकर किए गए दावे छलावा साबित हो रहे हैं। कभी रात के 12 बजे से भोर में चार बजे तक तो कभी 11 बजे से दिन के नौ बजे तक बिजली रहती है। दिन में कभी एक घंटा तो कभी दिन भर नदारद। इस आपूर्ति अवधि में निर्बाध बिजली तो बीते सालों की बात हो गई है। ऐसे में आम नागरिक को नहीं पता कि आखिर क्या है बिजली आपूर्ति का शेडयूल।

विद्युत आपूर्ति में तनिक सुधार हो या युक्तियुक्त शेडयूल घोषित हो तो जनप्रतिनिधि से लेकर समाजसेवक तक इसका श्रेय लूटने को आगे आते हैं। बिजली की अधोषित कटौती को लेकर चक्का जाम और धरना हो तो बिजली विभाग ही नहीं प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी भी शेडयूल से लेकर कटौती में सुधार का आश्वासन देते हैं। इन तमाम दावों के बीच जब बिजली समूचे दिन गायब रहती है या फाल्ट मरम्मत के नाम पर बिजली काट दी जाती है तो कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति इस बाबत सवाल नहीं करता है। इन दिनों घोसी नगर में सुबह नौ बजे से शाम तीन एवं रात में आठ बजे से सुबह चार बजे तक के घोषित शेडयूल का पता-ठिकाना नहीं है। कब अ ाएगी बिजली और कब जाएगी इसका ठिकाना नहीं। आए दिन तार टूटना, केबल जलना और रोस्टिंग के नाम नियमित कटौती आम बात है। बुधवार को दिन में सवा नौ बिजली कटी तो समूचे दिन गायब रही जबकि मंगलवार की रात 12 बजे आई तो भोर में कटी। सुबह पांच बजे आयी तो सवा नौ बजे गायब हो गई।

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