धान की रोपाई में होगी मजदूरों की कमाई

किसान कर रहे नर्सरी डालने की तैयारी अगले महीने शुरू हो जाएगी रोपाई

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 12:49 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 06:00 AM (IST)
धान की रोपाई में होगी मजदूरों की कमाई
धान की रोपाई में होगी मजदूरों की कमाई

जागरण संवाददाता, मथुरा : धान की रोपाई में मजदूरों की खूब कमाई होगी। लॉकडाउन में इस बार बाहरी मजदूर यहां कामकाज के लिए नहीं आ रहे हैं। जो यहां ठहरे थे, वह भी वापस जा चुके हैं। इसलिए स्थानीय मजदूरों को जुलाई में होने वाली धान की रोपाई में भरपूर काम मिलेगा।

जुलाई के पहले सप्ताह में धान की रोपाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए किसानों ने नर्सरी डालने की तैयारी कर ली है। जिले भर में 60 हजार हेक्टेयर में धान का उत्पादन किसान करते हैं। सर्वाधिक उत्पादन छाता तहसील क्षेत्र में किया जा रहा है। कृषि विभाग के बीज इकाइयों से धान के बीज का वितरण शुरू हो गया है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि सोलह किसानों के प्रथम पक्ष का प्रदर्शन करने के लिए निश्शुल्क बीज दिया गया है। 48 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचने के कारण फिलहाल किसानों ने नर्सरी डालने का काम रोक दिया है। जून के पहले सप्ताह में नर्सरी डालने में तेजी आ जाएगी।

धान की रोपाई के लिए मध्यप्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में मजदूर यहां आते हैं, लेकिन लॉकडाउन में इस बार बाहर से मजदूर नहीं आएंगे। बाहरी मजदूरों के नहीं आने का फायदा स्थानीय मजदूरों को मिलेगा और उनकी कमाई का जरिया भी यह फसल बन जाएगी। करीब एक महीने तक रोपाई का काम चलेगा। एक बीघा खेत में धान के पौधे रोपने की मजदूरी पिछले साल तक 1500 रुपये थी। इसके बाद निराई-गुड़ाई में भी मजदूर लग जाएंगे। धान उत्पादक किसान सुधीर कुमार रावत ने बताया कि धान की रोपाई का काम एक साथ शुरू होता है और इसलिए अधिक मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है। पहले स्थानीय मजदूर नहीं मिलते थे। इसलिए मध्यप्रदेश, बिहार और पूर्वांचल से मजदूर यहां आते थे। मगर, इस बार हालात बदले हैं। बाहरी मजदूर रोपाई के लिए नहीं आएंगे। इसलिए स्थानीय मजदूरों से धान की रोपाई कराई जाएगी। गौरव मलिक ने बताया कि इस बार प्रवासी मजदूर भी लौटकर आ गए हैं और अब किसानों को मजदूर मिलने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

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