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Fire in Prayagraj: भीषण आग के बीच में 50 मिनट तक फंसी रही 18 मजदूरों की जान, लोगों के चिल्‍लाने से खुली नींद, नहीं तो...

प्रदीप कुमार भगत का बासमंडी में भरत टिंबर स्टोर है। तीन मंजिला बने इस मकान में नीचे से ऊपर तक लकड़ियों का सामान रखा हुआ था। शनिवार रात यहां काम करने वाले मजदूर खाना खाकर तीसरे मंजिल पर सो रहे थे। देर रात आग की लपटें उठीं तो इधर से गुजर रहे लोगों की नजर पड़ी। वह चिल्लाने लगे। इससे घटना की जानकारी हुई।

By rajendra yadav Edited By: Vivek Shukla Published: Mon, 29 Apr 2024 12:50 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 12:58 PM (IST)
आग की लपटें उठती देख आस-पास रहने वाले लोग घबरा गए।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Fire in Prayagraj बास मंडी क्षेत्र में शनिवार देर रात करीब 3:30 बजे भरत टिंबर स्टोर में भीषण आग लग गई। आग की लपटों से लगभग 50 मिनट तक 18 मजदूर घिरे रहे। बाद में फायरकर्मियों ने रेस्क्यू करके सबको सुरक्षित बाहर निकाला।

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स्टोर में रखी करोड़ों की लकड़ी, प्लाईवुड व अन्य सामान राख हो गया। वाटर वाउजर के साथ ही 10 फायर टेंडर की मदद से करीब 15 घंटे में आग पर काबू पाया गया। आग किन कारणों से लगी, यह स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन शार्टसर्किट से घटना होने की आशंका जताई जा रही है।

मुट्ठीगंज के रहने वाले प्रदीप कुमार भगत का बासमंडी में भरत टिंबर स्टोर है। तीन मंजिला बने इस मकान में नीचे से ऊपर तक कीमती लकड़ियां, प्लाईवुड व अन्य सामान रखे गए थे। शनिवार रात यहां काम करने वाले मजदूर खाना खाकर तीसरे मंजिल पर सो रहे थे।

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देर रात पहले तल पर बने कमरे से धुआं उठने लगा। करीब 15 मिनट बाद आग की लपटें उठीं तो इधर से गुजर रहे लोगों की नजर पड़ी। वह चिल्लाने लगे। आवाज सुनकर आसपास के लोगों की नींद टूट गई। तीसरे मंजिल पर सो रहे मजदूर जग गए।

करीब 4:05 बजे सिविल लाइंस स्थित अग्निशमन केंद्र से फायरकर्मी पहुंचे। तब तक आग ने दूसरे तल को चपेट में ले लिया था। तीसरे तल पर फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया। आग काे बुझाने की कोशिश शुरू हुई, लेकिन लकड़ियों के कारण आग बढ़ती जा रही थी।

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सीएफओ डा. आरके पांडेय ने वाटर वाउजर के साथ मुंडेरा, नैनी व सोरांव से फायरकर्मियों को गाड़ी लेकर आने को कहा। वाटर वाउजर के साथ 10 फायर टेंडर लगाए गए। तब जाकर रविवार की शाम सात बजे आग पर काबू पाया गया। प्रदीप कुमार भगत की मानें तो करोड़ों की क्षति हुई है।

लोग रहे दहशतजदा

टिंबर स्टोर के बगल में कई टिंबर हाउस और मकान हैं। आग की लपटें उठती देख आस-पास रहने वाले लोग घबरा गए। वह अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। वहीं, बगल में जिनके टिंबर स्टोर थे, उनकी सांसें अटकी हुईं थीं।

दीवार तोड़कर बुझानी पड़ी आग

प्रदीप कुमार ने जिस मकान में लकड़ियों का गोदाम बना रखा था, वह मुख्य द्वार के अलावा कहीं और से कोई आ-जा नहीं सकता। अगल-बगल भी मकान हैं। ऐसे में फायरकर्मियों ने बगल के मकान के सहारे तीसरे तल पर बनी दीवार को तोड़कर आग पर पानी फेंकना शुरू किया। पीछे तरफ की दीवार को भी तोड़ा गया।

आस-पास के घरों में पड़ गई दरार

टिंबर स्टोर में लगी आग कितनी जबरदस्त थी, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बगल के पांच मकानों में दरार पड़ गई। जिस मकान में लकड़ियां भरी थीं, वहां की हालत तो बेहद ही खराब हो गई थी। छत उखड़ गई थी। पंखे व अन्य बिजली के उपकरण गल गए थे।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी डा. आरके पांडेय ने बताया कि लकड़ियों के गोदाम में आग लगने से 18 मजदूर फंसे थे। जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। शार्टसर्किट से आग लगने की आशंका है। अभी नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।


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