जनाब, यमुना पार इन कॉलोनियों में जरा पहुंचकर तो दिखाओ

आजादी के बाद से नहीं बनी कॉलोनियों में सड़क, न पानी, न सफाई, नालियों का अभाव, लोगों का जीवन दुश्वार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 12:08 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 12:08 AM (IST)
जनाब, यमुना पार इन कॉलोनियों में जरा पहुंचकर तो दिखाओ
जनाब, यमुना पार इन कॉलोनियों में जरा पहुंचकर तो दिखाओ

मथुरा, जासं। आजादी के बाद देश में एक्सप्रेस वे तक बने पर यमुना पार की आधा दर्जन कॉलोनियां ऐसी हैं जहां तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं हैं। पथरीले रास्तों के बीच होकर जब इन कॉलोनियों में प्रवेश करते हैं तो यहां न नालियां दिखती हैं और न पानी। नगर निगम टैक्स वसूलने तो पहुंच रहे हैं पर अफसरों को यह बताते कि यह वही इलाके हैं जहां तक उसकी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी तक नहीं पहुंच सकती है।

यमुना पुल पार कर पथरीले रास्तों से होकर जब यमुना किनारे पहुंचते हैं वहां आबादी में जाने से रोकने के लिए मिट्टी का ऊंचा टीला बना दिया है। इसी टीले पर चढ़कर देखते हैं तो करीब आधा दर्जन कॉलोनियां बसी हुई हैं। इनमें शांति आश्रम सबसे पहली कॉलोनी है। इसी से सटे इलाके हैं ईशापुर, विशनगंज, हंसगंज, ढेंगरा आदि मुहल्ले व कॉलोनियां। यहां जाने के लिए ग्रीष्म व सर्द ऋतु में तो धूल भरे रास्ते हैं पर बारिश के दिनों में यह भी बंद हो जाता है।

आधा दर्जन कॉलोनियों में सड़क, नालियों का अभाव है, इसके कारण पानी सड़क और गलियों में भरा नजर आता है। पीने के पानी का भी यहां अभाव है। यमुना किनारे के इलाके में लोगों ने घरों में हैंडपंप लगा रखे हैं, इन्हीं से पानी खींचकर दैनिक जीवन के उपयोग में उसे लाते हैं। सफाई और कूड़े के उठान सहित नालियों की सफाई क्या होता है यहां के लोग जानते ही नहीं हैं। यहां न सड़क है, न नालियां और पानी। यहां के लोग कैसे जीवन यापन कर रहे हैं यह पहली बार कोई देखने आया है। इससे पहले तक तो यहां नगर निगम का कोई अधिकारी नहीं आया।

मालती देवी, स्थानीय नागरिक यमुना पार का इलाका नरक में तब्दील हो चुका है, बारिश के दिनों में तो यहां रहने वाले लोगों पर आफत छाई रहती है। निकलने तक को रास्ता नहीं बचता तो लोग घरों में कैद हो जाते हैं।

सलीम

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