किडनी ट्रांसप्लांट भी कर देता था झोलाछाप!

एक मरीज को गुमराह कर तीन लाख वसूले थे। पूरे रुपये न देने पर क्लीनिक पर काम युवक से करवाता था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Jul 2018 11:49 PM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2018 11:49 PM (IST)
किडनी ट्रांसप्लांट भी कर देता था झोलाछाप!
किडनी ट्रांसप्लांट भी कर देता था झोलाछाप!

मैनपुरी, कुसमरा: क्षेत्र के गांव बुढ़ौली निवासी एक युवक का ऑपरेशन कर जान लेने वाला झोलाछाप पहले भी ऐसे कारनामे करता रहा है। एक साल पहले इसी झोलाछाप ने एक युवक को किडनी बदलने का झांसा देकर तीन लाख रुपये लिए थे। पहले उसे किडनी खराब होने की बात कही, फिर पेट पर चीरा लगाकर ट्रांसप्लांट होने का भरोसा दिला दिया। युवक जब ढाई लाख रुपये नहीं दे पाया तो एक साल से उसे अपने क्लीनिक पर नौकर बनाकर रखा हुआ था।

मंगलवार को गांव बुढ़ौली में झोलाछाप द्वारा ऑपरेशन किए जाने से 23 वर्षीय नीरज की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही झोलाछाप फरार चल रहा है। झोलाछाप का ये कोई पहला ऑपरेशन नहीं था, वह पहले भी लोगों की ¨जदगी के साथ खिलवाड़ कर उन्हें लूटता रहा है। कुसमरा के गांव परशुरामपुर निवासी झोलाछाप अनिल कुमार ने ऐसा ही एक कारनामा एक साल पहले भी किया था। जब गांव हविलया निवासी राधेश्याम पाल के 17 वर्षीय पुत्र सतेंद्र के पेट में दर्द उठा। परिजन सतेंद्र को लेकर इसी झोलाछाप के पास पहुंचे थे। उसी के कहने पर परिजनों से सतेंद्र का अल्ट्रासाउंड सैफई में कराया था। रिर्पोट को देखकर झोलाछाप अनिल ने किडनी में दिक्कत होने की बात कहकर उपचार शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद सतेंद्र की किडनी में इंफेक्शन बढ़ने की बात कहकर जल्द ऑपरेशन कराने को कहा। झोलाछाप ने बताया कि वह छह लाख रुपये में किडनी प्रत्यारोपण कर देगा। बाद में किसी तरह वह साढ़े पांच लाख रुपये पर राजी हो गया। सतेंद्र के परिजनों ने किसी तरह तीन लाख रुपये की व्यवस्था कर झोलाछाप को दिए। जिसके बाद अनिल ने किडनी का ऑपरेशन कर दिया। पेट पर टांके देखकर परिजनों को लगा कि वास्तव में किडनी बदल दी गई है। बाकी के ढाई लाख रुपये न देने पर युवक को अपनी क्लीनिक पर झाड़ू-पोंछा कराने के लिए सतेंद्र को रख लिया। सतेंद्र ने बताया कि कन्नौज के गांव सुल्तानपुर निवासी कुसमा देवी व ढढौस के एक मरीज की भी ऑपरेशन करने से मौत हो चुकी है। झोलाछाप अनिल का ये काम सालों से चला आ रहा था। बॉक्स

हैलट में है झोलाछाप का रिश्तेदार

गांव के लोगों ने बताया कि झोलाछाप अनिल का एक रिश्तेदार कानपुर के लाला लाजपत राय चिकित्सालय में डॉक्टर है। उन्हीं के पास रहकर अनिल ने इलाज करना सीखा। जिसके कुछ दिनों बाद आकर उसे बुढ़ौली में अपना क्लीनिक खोल लिया। वह बड़े शातिर तरीके से लोगों को ऑपरेशन के नाम पर लूटता था। लोगों का कहना है कि अनिल हमेशा कहता था कि जो ऑपरेशन कोई न कर सके वह मैं कर दूंगा। इसी कारण उसके पास दूर-दूर से लोग इलाज के लिए आते थे। जिन्हें वह अपने जाल में फंसाकर लूटता था। स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर सीएमओ ने झाड़ा पल्ला

किशनी: झोलाछाप द्वारा ऑपरेशन के बाद युवक की मौत की खबर पर भी स्वास्थ्य विभाग नहीं जागा बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके पांडेय किशनी स्वास्थ्य केंद्र व कुसमरा स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। लेकिन सीएमओ ने झोलाछाप के क्लीनिक तक जाना भी जरूरी नहीं समझा। घटना के बाद से झोलाछाप अनिल फरार चल रहा है। उसका क्लीनिक भी अब तक स्वास्थ्य विभाग ने सील नहीं किया। वहीं बुधवार को सीएमओ के आने से पहले ही क्षेत्र के अधिकांश झोलाछाप अपने क्लीनिक बंद कर चले गए। जिससे साफ है कि कहीं न कहीं से उन्हें पूर्व जानकारी दी गई थी। कार्रवाई के सवाल पर बताया गया कि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

chat bot
आपका साथी