जल बचाने के उपायों में छेद

मैनपुरी: जल के संचय से अधिक जल दोहन होने से जल बचाने के उपायों में हुए छेद और गहरे होने लगे हैं। एक

By Edited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 06:55 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 06:55 PM (IST)
जल बचाने के उपायों में छेद

मैनपुरी: जल के संचय से अधिक जल दोहन होने से जल बचाने के उपायों में हुए छेद और गहरे होने लगे हैं। एक वर्ष में एक मीटर तक जल का स्तर नीचे गिर गया है। जिससे विकास खंड मैनपुरी और करहल का जलस्तर गिरकर ¨चताजनक स्थिति में पहुंच गया है। दोनों ब्लॉकों के डार्कजोन की श्रेणी में पहुंचने का खतरा मंडराने लगा है।

बीते वर्ष विकास खंड मैनपुरी का जलस्तर 5 से 10 मीटर नीचे था। जबकि विकास खंड करहल में भूजलस्तर 4 से 15 मीटर नीचे नापा गया था। लेकिन अब मैनपुरी विकास खंड का 5 से 11 और करहल विकास खंड का 5 से 16 मीटर तक नीचे खिसक गया है। इसे गिरने से रोकने के किए जा रहे प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं। जल बचाने के कार्यक्रम भी धन की कमी से जूझ रहे हैं।

जल बचाने को कागजों पर तैयार की गई योजनाएं पानी से लबालब दिख रही हैं। जबकि धरातल पर तालाब सूखे पड़े हैं। तालाबों में जंगली घास उगी है। मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान में चिन्हित किए गए तालाबों की साफ सफाई का काम चल रहा है। लेकिन वह प्यासे हैं। नदियों पर चेकडैम बनाने का प्रस्ताव सरकार की फाइलों में दफन होकर रह गया है। जो चेकडैम बनाए गए थे। उनमें पानी का रिसाव बंद नहीं हो रहा।

जल संचय के उद्देश्य से जिले में मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान योजना के तहत 142 तालाब चिन्हित कर 126 तालाबों की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। जबकि 16 तालाब एक हेक्टेयर और 22 तालाब आधा हेक्टेयर के तैयार करने के लिए प्रस्ताव शासन की फाइलों में दफन हो चुका है। अभी तक कार्य कराने के लिए स्वीकृति और धनराशि नहीं मिली है। जिससे जल संचय की बची हुई उम्मीद भी टूटने लगी है।

मुख्य विकास अधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि गिरते जलस्तर को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। तालाबों की सफाई कराई जा रही है। लोगों को अंधाधुंध जल का दोहन न करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। अगर अगस्त में सही बारिश हो जाती है। तो सभी तालाबों पानी भरने से गिरते जल स्तर में सुधार होगा।

chat bot
आपका साथी