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    भगवान जगन्नाथ का मंदिर जल संरक्षण की मिसाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 30 Oct 2019 06:25 AM (IST)

    महराजगंज जिले के बड़हरा महंथ स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर जल संरक्षण की मिसाल पेश कर रहा है।

    भगवान जगन्नाथ का मंदिर जल संरक्षण की मिसाल

    महराजगंज:

    महराजगंज जिले के बड़हरा महंथ स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर जल संरक्षण की मिसाल पेश कर रहा है। 233 साल पुराने इतिहास का साक्षी रहा यह मंदिर आज भी पुरानी परंपरा का निर्वहन कर रहा है। उड़ीसा के प्रसिद्ध पुरी मंदिर की तर्ज पर बने भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर में न सिर्फ कुएं का पानी पीया जाता है, बल्कि स्नान व भोजन आदि की व्यवस्था भी इसी जल से होती है। मान्यता है कि इस कुएं का पानी पीने से भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    1786 में हुई थी मंदिर की स्थापना

    निचलौल तहसील के ग्रामसभा बड़हरा महंथ में सन 1786 में भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना हुई थी। उसी समय से यहां मंदिर परिसर में इस कुएं का अस्तित्व हैं। वर्ष 1933 में मंदिर के जीर्णोद्धार के समय इसका भी सुंदरीकरण कराया गया। तब से गांव व मठ के सभी लोग इससे जल ले जाते हैं। बदलते समय में नलों के आगे लोग कुएं से दूर हो गए हैं, लेकिन यहां मंदिर में आज भी परंपरागत ढंग से कुएं के पानी का उपयोग हो रहा है।

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    समय-समय पर होती है पानी की जांच

    फोटो - 20 एमआरजे - 19

    मठ के महंथ संकर्षण रामानुज दास बताते हैं कि मंदिर के कुएं के पानी की जांच हर छह माह पर कराई जाती है। समय-समय पर इसकी साफ सफाई भी होती है। इसके अलावा मंदिर के बाहर सरकारी हैंडपंप व सप्लाई के पानी की भी व्यवस्था हैं, लेकिन मंदिर के अंदर सभी कार्य कुएं के जल से ही होते हैं।