राष्ट्रीय जल पुरस्कारः पानी बचाने में उत्तर प्रदेश नंबर वन, जानें- क्या है अन्य राज्यों की स्थिति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के कामकाज पर एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ होने की मुहर लगी है। केंद्रीय जल मंत्रालय ने शुक्रवार को यूपी को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 के तहत विभिन्न श्रेणियों में पांच पुरस्कार दिए हैं। सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में प्रदेश को पहला स्थान मिला है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Fri, 07 Jan 2022 09:49 PM (IST) Updated:Sat, 08 Jan 2022 02:11 PM (IST)
राष्ट्रीय जल पुरस्कारः पानी बचाने में उत्तर प्रदेश नंबर वन, जानें- क्या है अन्य राज्यों की स्थिति
नदियों को प्रदेश में प्रदूषण मुक्त करने की मुहिम से प्रमुख नदियों के जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के कामकाज पर एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ होने की मुहर लगी है। केंद्रीय जल मंत्रालय ने शुक्रवार को यूपी को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 के तहत विभिन्न श्रेणियों में पांच पुरस्कार दिए हैं। 'सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी' में प्रदेश को पहला स्थान मिला है, जबकि राजस्थान व तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य) श्रेणी में दूसरा और तीसरा पुरस्कार हासिल हुआ है।

मंत्रालय ने राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की स्थापना 2018 में की थी, ताकि देशभर में राज्यों, जिलों, व्यक्तियों और संगठनों की ओर से किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा सके। मंत्रालय की ओर से 57 पुरस्कारों की घोषणा 11 श्रेणियों में की गई है, जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिला, पंचायत और सर्वश्रेष्ठ उद्योग शामिल हैं। उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में मुजफ्फरनगर चयनित हुआ है, जबकि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बलुआ को उत्तर भारत में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय जल पुरस्कार में राज्य को पहला स्थान मिलने पर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पांच वर्षों के दौरान जल संरक्षण की मुहिम में बहुत से काम किए गए हैं। उसी का नतीजा है कि हम अब देश में पहले पायदान पर हैं।

11 बिंदुओं का निरीक्षण करके मिला पहला स्थानः केंद्र सरकार ने सिंचाई, वाटर मैनेजमेंट भूगर्भ जल, लघु सिंचाई व नदियों के प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के आधार पर नेशनल वाटर अवार्ड 2020 घोषित किया है। केंद्र सरकार की टीम छह राज्यों के दौरे पर उत्तर प्रदेश आई थी, जहां 11 बिंदुओं का निरीक्षण करने के बाद उत्तर प्रदेश को देश में पहला स्थान दिया। साथ ही जिलास्तर के भी कई पुरस्कारों में उत्तर प्रदेश को पुरस्कार मिले हैं। इनमें माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप इरिगेशन, बाढ़ प्रबंधन बंधिया व नहर निर्माण को मिलाकर जल प्रबंधन के क्षेत्र में जितने भी उत्कृष्ट कार्य हुए इन समस्त कार्यों के आधार पर यह पुरस्कार घोषित किया गया है।

104 एसटीपी स्थापित किएः नदियों को प्रदेश में प्रदूषण मुक्त करने की मुहिम से प्रमुख नदियों के जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार की ओर से नदियों में प्रदूषण को रोकने और जल संरक्षण की दिशा में कड़े कदम उठाए गए। राज्य में 3298.84 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) के 104 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं। इस पहल से नदियों में गिरने वाले नालों को बंद कर दिया गया है।

बुंदेलखंड व विंध्याचल क्षेत्रों में जलापूर्ति का ट्रायल रन पूराः केंद्र सरकार की नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत हर घर नल योजना के प्रथम चरण में 18 लाख से अधिक परिवारों को जलापूर्ति से जोडऩे की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। एक बार जलापूर्ति चालू हो जाने के बाद, बुंदेलखंड और विंध्याचल क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों में रहने वाले लाखों ग्रामीणों को उनके घरों में पीने का साफ पानी मिलेगा, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा, जो कि पानी नहीं होने के कारण अतीत में सामने आ चुके हैं।

ये कार्य भी अहम  789 तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार पूरा, 182 का कार्य प्रगति पर। 5957 चेकडैम का निर्माण पूरा और 163 का कार्य प्रगति पर। प्रदेश में एक लाख 70 हजार 692 खेत तालाब बने। 900 नए पीजोमीटर का निर्माण और 1320 स्थलों पर स्वचालित वाटर लेवल रिकार्डर स्थापित। 10 जिलों के 26 ब्लाकों की 550 ग्राम पंचायतों में अटल भूजल योजना लागू की।

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