रायबरेली में दुष्कर्म पीड़िता की दुर्घटना के मामले में CBI ने मांगी विधायक सेंगर की कस्टडी

सीबीआइ ने कुलदीप सिंह सेंगर अतुल सिंह वीरेंद्र सिंह और शैलेंद्र सिंह को हिरासत में लेने की अर्जी दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 02 Aug 2019 04:19 PM (IST) Updated:Fri, 02 Aug 2019 05:08 PM (IST)
रायबरेली में दुष्कर्म पीड़िता की दुर्घटना के मामले में CBI ने मांगी विधायक सेंगर की कस्टडी
रायबरेली में दुष्कर्म पीड़िता की दुर्घटना के मामले में CBI ने मांगी विधायक सेंगर की कस्टडी

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता के रायबरेली में सड़क दुर्घटना के मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की कस्टडी मांगी है। दुष्कर्म पीडि़ता के साथ सड़क हादसे की जांच कर रही सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सड़क दुर्घटना के मामले में 15 दिन का समय मांगा था। कोर्ट ने सीबीआइ को बड़ी राहत देते हुए सात की जगह पर 15 दिन का समय प्रदान किया है। इसके साथ ही सीबीआइ ने कुलदीप सिंह सेंगर, अतुल सिंह, वीरेंद्र सिंह और शैलेंद्र सिंह को हिरासत में लेने की अर्जी दी है। कस्टडी में सीबीआइ इस दुर्घटना को लेकर इन सभी से पूछताछ करेगी। इसी के साथ उन्होंने हादसे से जुड़े मामले की सुनवाई लखनऊ की सीबीआई कोर्ट को सौंप दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने दुर्घटना मामला दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश में बदलाव किया है। अब 15 दिन में जांच पूरी होने तक मामला ट्रांसफर नहीं होगा। सीबीआई ने कोर्ट से इस बाबत अनुरोध किया था। सीबीआई ने कहा कि केस ट्रांसफर करने से अभियुक्तों की रिमांड लेने और जांच मे दिक्कत आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सीबीआई की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक इस मामले से जुड़ी सुनवाई लखनऊ सीबीआई कोर्ट में ही की जाएगी। इस सुनवाई के दौरान सीबीआई ने पूछताछ के लिए कुलदीप सेंगर की कस्टडी की भी मांग की थी। इसी के साथ सीबीआई ने पीडि़ता के चाचा से भी पूछताछ के लिए भी सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है।  उन्नाव रेप केस से जुड़े एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने ये भी कहा है कि पीड़िता का इलाज लखनऊ में ही किया जाएगा और उसे दिल्ली शिफ्ट नहीं किया जाएगा। 

कोर्ट में पीड़िता की तरफ से पेश हुए वकील बी राजशेखरन ने चाचा की सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आग्रह किया। इसके जवाब में यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद बेंच ने पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान कोर्ट ने पीड़िता के बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट करने की भी सुनवाई की। इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि परिवार के लोगों का कहना है कि पीडि़ता अभी बेहोश है। फिलहाल उसका इलाज लखनऊ में ही हो। परिजनों ने यह भी मांग की कि इमरजेंसी की हालत में उन्हें इसे सुप्रीम कोर्ट में मेंशन कराने की अनुमति मिलनी चाहिए, हालांकि यूपी सरकार की तरफ से बताया गया कि पीड़िता की हालत में सुधार हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव की दुष्कर्म पीडि़ता के सभी मामलों की जांच दिल्ली ट्रांसफर करने के अपने आदेश में शुक्रवार को संशोधन किया है। सीबीआइ के अनुरोध पर कोर्ट ने उन्नाव की पीड़िता के रायबरेली में सड़क दुर्घटना के मामले की जांच उत्तर प्रदेश में ही कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्‍नाव रेप केस से संबंधित मामलों की जांच कर रही सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसले को बदलते हुए उन्‍नाव रेप केस से संबंधित पांच में से 1 मामले (उन्‍नाव एक्‍सीडेंट) को लखनऊ से दिल्‍ली ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की कि जब तक उन्‍नाव रेप पीड़िता से जुड़े सड़क हादसे की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस मामले को दिल्‍ली ट्रांसफर ना किया जाए। 

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