गायत्री प्रजापति मामले में दुष्कर्म पीडि़ता ने दर्ज कराए कलमबंद बयान

प्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति पर सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीडि़ता ने सीजेएम संध्या श्रीवास्तव के समक्ष कलम बंद बयान दर्ज कराया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 25 Feb 2017 09:39 PM (IST) Updated:Sat, 25 Feb 2017 11:08 PM (IST)
गायत्री प्रजापति मामले में दुष्कर्म पीडि़ता ने दर्ज कराए कलमबंद बयान
गायत्री प्रजापति मामले में दुष्कर्म पीडि़ता ने दर्ज कराए कलमबंद बयान

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश के परिवहन मंत्री एवं अमेठी से सपा के प्रत्याशी गायत्री प्रजापति एवं छह अन्य के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गौतम पल्ली थाने में सामूहिक दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में पीडि़ता ने सीजेएम संध्या श्रीवास्तव के समक्ष अपना कलम बंद बयान दर्ज कराया है। विवेचना अधिकारी अमिता सिंह ने अदालत के समक्ष प्रार्थना-पत्र देकर कहा कि उनके द्वारा दिल्ली जाकर पीडि़ता का धारा 161 दंड प्रक्रिया के तहत बयान दर्ज किया जा चुका है। अदालत में दिए प्रार्थना-पत्र में पीडि़ता का धारा 164 दं.प्र.स. के तहत कलम बंद बयान दर्ज किए जाने का अनुरोध किया गया था। सीजेएम संध्या श्रीवास्तव के समक्ष विवेचक अमिता सिंह ने प्रार्थना-पत्र देकर कहा कि उन्हें आशंका है कि जब पीडि़ता बयान के लिए अदालत में हाजिर होगी तब उसके ऊपर कातिलाना हमला किया जा सकता है तथा जानमाल का खतरा है। 

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सुरक्षा व्यवस्था को कहा

विवेचक की अर्जी पर अदालत ने न केवल सुरक्षा के लिए इंस्पेक्टर वजीरगंज को सूचित किया बल्कि इसकी लिखित सूचना जिला जज राजेन्द्र सिंह को भी भेजी। सीजेएम के इस पत्र पर जिला जज ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से तुरंत सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने को कहा। जिला जज के आदेश के उपरान्त क्षेत्राधिकारी कैसरबाग एवं चौक पुलिस बल के साथ न्यायालय परिसर पहुंचे। न्यायालय परिसर छावनी बन चुका था। इसी बीच विवेचक के साथ पीडि़ता सीजेएम के समक्ष अपने अधिवक्ता के साथ पेश हुई। सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने अपने विश्राम कक्ष में कई पृष्ठों में पीडि़ता का कलम बंद बयान दर्ज किया। 

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मंत्री के खौफ से जान देने का प्रयास

मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात आरोपियों पर दुष्कर्म समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज कराने वाली महिला की नाबालिग बेटी ने पिछले वर्ष आत्महत्या का प्रयास किया था। महिला ने आरोपियों पर दुष्कर्म का प्रयास व पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज कराया था। किशोरी के मामा के मुताबिक, घटना के बाद पिछले वर्ष मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खौफ में बालिका ने ब्लेड से हाथों की नस काट ली थी, किसी तरह डॉक्टरों ने उसकी जान बचाई। एफआइआर होने के बाद जब से उसे पता चला है कि मां की जान को खतरा है, वह अवसाद में है और मानसिक रूप से अस्वस्थ है। आरोपियों के डर के चलते सोते वक्त भी उसे दौरे पड़ते हैं। हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।

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सात लोगों ने किया दुष्कर्म

गौरतलब है कि 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। महिला ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया। जिससे वह बेहोश हो गई और गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया। जिन अन्य लोगों को मुकदमे में नामजद किया गया है वह गायत्री के करीबी हैं, जिसमें विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह व अशोक तिवारी शामिल हैं।

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आरोपियों के डर से स्कूल जाना भी छोड़ा

मामा के मुताबिक किशोरी कक्षा नौ की छात्रा थी, पढऩे में भी ठीक थी। घटना के बाद से आरोपियों के डर के चलते स्कूल आना-जाना भी छूट गया है।  महिला के भाई का कहना है कि मंत्री समेत अन्य आरोपियों से उसकी व मामले में मदद करने वाले एक दोस्त की भी जान को खतरा है, सबको सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन सभी का यूपी पुलिस की सुरक्षा से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने कहा कि एफआइआर दर्ज होने के बाद से सुरक्षा मिलने की बात हो रही है, सप्ताहभर बाद भी किसी को सुरक्षा नहीं मिल सकी। इस संबंध में विवेचक व सीओ अमिता सिंह ने बताया कि पीडि़त महिला को एक दारोगा और एक सिपाही सुरक्षा के लिए दिए गए हैं, डीआइजी से स्वीकृति मिलने के बाद भेजे जाएंगे। 

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किशोरी को बार बार पड़ते दौरे

विवेचक व सीओ आलमबाग अमिता सिंह ने बताया कि किशोरी का एम्स में इलाज चल रहा है, मैं स्वयं एम्स उसके वार्ड के बाहर तक गई थी। उसे दौरे पड़ रहे हैं, हालत गंभीर है। परिवारीजनों का कहना है कि आरोपियों के भय से उसकी ऐसी हालत हुई है। किशोरी के बयान दर्ज करने के लिए मैंने एम्स निदेशक को पत्र लिखा है, बहुत जल्द सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। लखनऊ पुलिस को महिला को घटनास्थल का निरीक्षण कराना था, लेकिन बेटी के एम्स में भर्ती होने के चलते महिला बयान दर्ज कराने के तुरंत बाद अमौसी एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सीओ के मुताबिक अगली बार महिला को घटनास्थल का निरीक्षण कराया जाएगा।

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