बढ़ेंगी आजम खां की मुश्किलें, SIT ने शासन को सौंपी जौहर विश्वविद्यालय मामले की र‍िपोर्ट

जल निगम भर्ती घोटाले में आरोपपत्र दाखिल करने को मंजूरी का इंतजार। कार्रवाई की सिफारिश।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 18 Mar 2020 09:03 PM (IST) Updated:Thu, 19 Mar 2020 07:30 AM (IST)
बढ़ेंगी आजम खां की मुश्किलें, SIT ने शासन को सौंपी जौहर विश्वविद्यालय मामले की र‍िपोर्ट
बढ़ेंगी आजम खां की मुश्किलें, SIT ने शासन को सौंपी जौहर विश्वविद्यालय मामले की र‍िपोर्ट

लखनऊ, जेएनएन। विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने जल निगम भर्ती घोटाले के बाद जौहर विश्वविद्यालय में गड़बडिय़ों की जांच रिपोर्ट भी शासन को सौंप दी है। एसआइटी ने कई बिंदुओं पर कार्रवाई की सिफारिश की है। सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ चार लेखपालों की संपत्तियों की जांच कराए जाने की सिफारिश भी की गई है।

पूर्व मंत्री आजम खां से जुड़े मामलों की जांचों में की गई सिफारिशों की समीक्षा भी शासन स्तर पर की गई है। एसआइटी जलनिगम भर्ती घोटाले में आरोपित आजम खां समेत अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति मिलने का इंतजार भी कर रही है। शासन ने रामपुर स्थित मुहम्मद अली जौहर यूनिर्वसिटी में धांधली के मामले की जांच एसआइटी को सौंपी थी। इसके अलावा मुरादाबाद के मंडलायुक्त की रिपोर्ट पर शासन ने आजम खां के कब्जे वाली शत्रु संपत्तियों की जांच भी एसआइटी को सौंपी थी। जौहर विश्वविद्यालय में गड़बड़ी के मामले में एसआइटी ने कई बिंदुओं पर जांच की थी।

एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जौहर ट्रस्ट के नाम पर ली गई जगह पर नियम विरुद्ध रामपुर पब्लिक स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में पब्लिक की रकम लगी है। इन बिंदुओं पर एसआइटी ने शासन से विचार कर कार्रवाई का निर्णय लिए जाने की सिफारिश की है।

दूसरी ओर एसआइटी ने शासन के आदेश पर 25 अप्रैल 2018 को पूर्व मंत्री आजम खां के अलावा जलनिगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी, नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव एसपी सिंह (अब सेवानिवृत्त), पूर्व मंत्री आजम के तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद व तत्कालीन चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे व अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, षड्यंत्र, साक्ष्य छिपाने व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। पूर्व मंत्री आजम समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ जांच एजेंसी आरोपपत्र भी तैयार कर चुकी है। शासन की मंजूरी के बाद आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किए जाएंगे।  

chat bot
आपका साथी