SP State President: सपा का राज्य सम्मेलन आज, नरेश उत्तम फिर बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष

SP State President समाजवादी पार्टी के राज्‍य सम्‍मेलन में आत एक बार फ‍िर नरेश उत्तम पटेल को यूपी प्रदेश अध्‍यक्ष चुना जा सकता है। आज होने वाले से सम्‍मेलन में 15 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। वहीं कल पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Sep 2022 01:19 AM (IST) Updated:Wed, 28 Sep 2022 07:35 AM (IST)
SP State President: सपा का राज्य सम्मेलन आज, नरेश उत्तम फिर बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
SP State President: नरेश उत्‍तम पटेल फ‍िर बन सकते हैं सपा के प्रदेश अध्‍यक्ष

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। SP State President समाजवादी पार्टी का राज्य सम्मेलन 28 सितंबर को होगा। इसमें प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। नरेश उत्तम पटेल दोबारा प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की उम्मीद है। इनकी उम्मीद इसलिए सर्वाधिक है क्योंकि पिछले पांच वर्ष का कार्यकाल बेदाग रहा है। पिछड़ी जाति का होने के साथ ही पटेल मतदाताओं में उनकी अच्छी पकड़ है। सपा अध्यक्ष अखिलेश (Akhilesh Yadav) के भी बेहद करीबी हैं।

आज प्रदेश अध्‍यक्ष और कल होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव

सम्मेलन के लिए प्रदेश भर से करीब 15 हजार से अधिक प्रतिनिधि राजधानी पहुंच चुके हैं। राज्य सम्मेलन के अगले दिन 29 सितंबर को राष्ट्रीय अधिवेशन होगा जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव के साथ ही पार्टी अपनी दशा व दिशा तय करेगी। इस दौरान राजनीतिक व आर्थिक प्रस्ताव पास कराया जाएगा। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट कर संगठन और जनता की ताकत से भाजपा को सत्ता को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया जाएगा। राज्य व राष्ट्रीय अधिवेशन रमाबाई अम्बेडकर पार्क में आयोजित किया जाएगा। सपा का यह नवां राज्य सम्मेलन है जबकि 11वां राष्ट्रीय सम्मेलन है। दोनों ही दिन सम्मेलन सुबह 10 बजे से झंडारोहण के साथ शुरू होगा। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सम्मेलन में उद्घाटन एवं समापन भाषण करेंगे। राज्य व राष्ट्रीय सम्मेलन में भाजपा की डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये के जिक्र के साथ ही वर्तमान राजनीतिक व आर्थिक परिदृश्य पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन से पहले मंगलवार को अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने देश-प्रदेश के पूरे राजनीतिक वातावरण को प्रदूषित कर दिया है। भाजपा की निष्ठा भारत के संविधान में नहीं है। सपा गांधी, लोहिया व आंबेडकर की विचारधारा पर चलकर लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। सपा धर्मनिरपेक्षता एवं सामाजिक न्याय के लिए निरंतर आवाज उठाती है।

परिवारवाद की छाया से पार्टी को निकालने की कोशिश

अखिलेश सपा को परिवारवाद के छाया से निकालने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे में सम्मेलन में भी इसके लिए कुछ तय कर सकते हैं। पार्टी इस सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस बार का सम्मेलन पूरी तरह से अखिलेश के नेतृत्व में हो रहा है। अखिलेश के चाचा शिवपाल पहले ही अलग हो चुके हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से पार्टी के संरक्षक भी इसमें शामिल होंगे या नहीं, यह अभी कह पाना मुश्किल है।

2024 के लोकसभा चुनाव की दशा-दिशा होगी तय

अधिवेशन में सपा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की दशा-दिशा तय करेगी। पार्टी ने अभी साफ नहीं किया है कि भाजपा विरोधी मोर्चे में वह कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार करेगी या फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ देगी। सपा राष्ट्रीय सम्मेलन में इस पर अपनी राय साफ कर सकती है। प्रदेश व राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी नए सिरे से प्रदेश व राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित करेगी।

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