लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा न कराए जाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर

एलयू के परीक्षा कार्यक्रम को हाईकोर्ट में चुनौती। छात्रों ने मास प्रमोशन के लिए खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा याचिका पर आज सुनवाई।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 11:40 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 11:40 AM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा न कराए जाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर
लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा न कराए जाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने याचिका दाखिल कर 19 जून के नोटिस व 23 जून को जारी परीक्षा स्कीम को निरस्त करने की मांग की है। छात्रों ने यह भी मांग की है कि उनका मास प्रमोशन करने अथवा ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था करने के संबंध में विचार के लिए विवि को आदेश दिया जाए। याचिका जस्टिस सौरभ लवानिया की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध है।

यह याचिका जतिन कटियार व 22 अन्य छात्र-छात्राओं की ओर से दाखिल की गई है। याचिका का मुख्य आधार कोरोना महामारी को बनाया गया है। कहा गया है कि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने बिना महामारी की समस्या पर गौर किए व बिना यह देखे कि ट्रेनों का पूरी तरह संचालन नहीं होने के कारण तमाम छात्र परीक्षा में आने में असमर्थ होंगे। इसके बावजूद परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया। जो छात्र पीजी में रह रहे थे, उन्हेंं नई या पुरानी पीजी तालाशने में दिक्कत होगी व यूनिवॢसटी और कालेजों के छात्रावासों में शारीरिक दूरी का पालन असंभव है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि एलयू के तीन प्रोफेसर व कुछ स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, ऐसे में कोरोना फैलने का भी खतरा है। याचिका में लॉकडाउन के समय चलाए गए ऑनलाइन क्लास पर भी सवाल उठाया गया है। छात्रों ने बीबीएयू लखनऊ, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, शिबपुर, आइआइटी कानपुर और दिल्ली यूनिवॢसटी का उदाहरण देते हुए मांग की है कि उक्त विश्वविद्यालयों के भांति एलयू में भी छात्रों को मास प्रमोशन दिए जाने के विकल्प या ऑनलाइन परीक्षा और लैपटॉप की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कराए जाने पर विचार किया जाए।

लखनऊ विश्वविद्यालय में सात जुलाई से घोषित परीक्षा कार्यक्रम के विरोध में अब हर स्तर पर आवाज उठने लगी है। विरोध के क्रम में धरना प्रदर्शन के बाद अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा न कराने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। बता दें कि लखनऊ विद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं सात जुलाई से होनी है।विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परीक्षा कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद से ही छात्र संगठनों द्वारा परीक्षा ना कराए जाने के विरोध में गांधी प्रतिमा स्थल विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन व नारेबाजी भी हुई। छात्रों ने कुलपति वह अन्य संबंधित अधिकारियों को इससे लेकर ज्ञापन भी दिया मगर सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद अब न्यायालय की शरण ली गई है। 

छात्र परीक्षा में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को लेकर चिंतित हैं। परीक्षा में शारीरिक दूरी और कोरोना के संक्रमण को लेकर भय व्याप्त है। यही नहीं परीक्षा को लेकर शिक्षकों ने भी कई बार विरोध जताया था। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर परीक्षा की तैयारियां शुरू कर रहा था। वहीं एक जुलाई से विश्वविद्यालय भी खुल रहा था। जिसमें छात्रों की क्लासेज भी आयोजित होनी थी। वहीं सात जुलाई से अंतिम वर्ष की परीक्षा शुरू होनी थी। 

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