Lucknow Coronaviurs News Update: मरीज की मांग पर चढ़ सकेगा प्लाज्मा, 'ऑफ लेबल' प्लाज्मा थेरेपी को हरी झंडी

Lucknow Coronaviurs News Update आइसीएमआर के ट्रायल से अलग ऑफ लेबल प्लाज्मा थेरेपी को हरी झंडी। चिकित्सा संस्थानों में पहुंचा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 30 Jun 2020 08:44 AM (IST) Updated:Tue, 30 Jun 2020 11:38 AM (IST)
Lucknow Coronaviurs News Update: मरीज की मांग पर चढ़ सकेगा प्लाज्मा, 'ऑफ लेबल' प्लाज्मा थेरेपी को हरी झंडी
Lucknow Coronaviurs News Update: मरीज की मांग पर चढ़ सकेगा प्लाज्मा, 'ऑफ लेबल' प्लाज्मा थेरेपी को हरी झंडी

लखनऊ, (संदीप पांडेय)। Lucknow Coronaviurs News Update: प्लाज्मा थेरेपी पर अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की बंदिश नहीं होंगी। उसके ट्रायल के मरीजों का चयन अलग होगा। वहीं, कोरोना के भर्ती मरीज और उसके तीमारदार की मांग पर उसे प्लाज्मा थेरेपी दी जा सकेगी। डॉक्टर इन्कार नहीं कर सकते। बशर्ते, संबंधित ग्रुप का प्लाज्मा संस्थान में उपलब्ध हो।

केजीएमयू-पीजीआइ समेत देश के 50 संस्थानों को आइसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी है। इन संस्थानों में अभी तक आइसीएमआर तय गाइडलाइन के अनुसार मरीजों का चयन करती है। प्लाज्मा थेरेपी के लिए कंप्यूटर द्वारा रेंडम चयन होता है। साथ ही यह मरीज मॉडरेट श्रेणी के होते हैं। अतिगंभीर मरीजों समेत कई प्लाज्मा थेरेपी से इलाज नहीं करा पा रहे हैं। लिहाजा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार लिखित में 'ऑफ लेबल' प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी दी है।

केजीएमयू में ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक अब तीमारदार यदि अपने मरीज का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कराना चाहता है, तो उसे इंकार नहीं किया जा सकता है। आदेश मिल गया है।

दो मरीजों ने मांगी प्लाज्मा थेरेपी

डॉ. तूलिका चंद्रा बताती हैं कि दो मरीजों ने प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की मांग की है। संबंधित ग्रुप के प्लाज्मा संग्रह के लिए डोनर की तलाश की जा रही है। प्लाज्मा संग्रह होते ही मरीजों को थेरेपी के लिए भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक सैकड़ों मरीज ठीक हो चुके हैं लेकिन, वह प्लाज्मा दान करने को हिचक रहे हैं। ऐसे योद्धाओं को मरीजों का जीवन बचाने के लिए आगे आना चाहिए। घबराएं नहीं, कुछ दिन में ही शरीर में इसकी भरपाई हो जाती है।

ट्रायल के लिए ही पोर्टल की आवश्यकता

अब सिर्फ आइसीएमआर ट्रायल के लिए सहमति देने वाले मरीजों के लिए ही पोर्टल से प्लाज्मा थेरेपी के लिए अनुमति लेनी होगी। इन मरीजों के इलाज को दो ग्रुपों में बांटा गया है। यह कंट्रोल आर्म और इंटरवेंशन आर्म हैं। इसके लिए रेड टैप पोर्टल बनाया है। इंटरवेंशन आर्म में चयनित मरीज को ही प्लाज्मा थेरेपी दी जाती है।

गंभीर मरीजों को मिली राहत

आइसीएमआर के ट्रायल के तहत प्लाज्मा थेरेपी सिर्फ कोविड-19 के मरीजों पर ही चढ़ती है। वहीं, अब डायबिटीज, गुर्दा, हृदय, कैंसर जैसी बीमारी से घिरे कोरोना के मरीजों को भी प्लाज्मा थेरेपी दी जा सकेगी। ऑफ लेबल थेरेपी में मॉडरेट के साथ-साथ सीवियर मरीजों भी शामिल हैं। 

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