आजम खां संसदीय गरिमा का ध्यान नहीं रखने वाला मंत्री : रामनाईक

नव वर्ष महोत्सव पर वंदे मातरम, राष्ट्रगान का जिक्र करते हुए राज्यपाल रामनाइक ने कहा कि संविधान में 1950 में इसे पास कर दिया गया था लेकिन 42 साल तक संसद में इसे नहीं गाया जाता था। 1992 से वंदेमातरण और राष्ट्रगान का गान होने लगा।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 07 Apr 2016 05:20 PM (IST) Updated:Thu, 07 Apr 2016 07:10 PM (IST)
आजम खां संसदीय गरिमा का ध्यान नहीं रखने वाला मंत्री : रामनाईक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज प्रतापगढ़ में कहा कि आजम खां संसदीय कार्य मंत्री हैं लेकिन उन्हें संसदीय गरिमा का ध्यान नहीं है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे। प्रतापगढ़ में एक कार्यक्रम में आए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सदन में बोले गए आजम खां के 60 वाक्यों की सीडी मंगाई थी। इसमें 30 वाक्यों को अमर्यादित मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने हटवा दिया। इस संबंध में वह नौ अप्रैल को विधानसभा अध्यक्ष से मिलेंगे और उनसे यह जानना चाहेंगे कि हटाए गए शब्दों की मंशा क्या थी? इस समय मुख्यमंत्री विदेश दौरे पर गए हैं। उनके लौटने के बाद वह आजम पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे। भारत माता की जय, वंदेमातरम से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर सभी एकजुट है। जब संसद में वंदेमातरम, राष्ट्रगान होता है तो कुछ चंद लोग इसे बेवजह तूल दे रहे हैं। जिसके मन में देश भक्ति है, वे वंदे मातरम बोलेंगे। वंदे मातरम, राष्ट्रगान का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान में 1950 में इसे पास कर दिया गया था। लेकिन 42 साल तक संसद में इसे नहीं गाया जाता था। 1992 में उन्होंने इस मुद्दे को रखा। तब जाकर लोकसभा में वंदेमातरण और राष्ट्रगान का गान होने लगा। भारत माता जय बोलने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब संविधान और संसद ने इसे मंजूरी दे दी हौ तो इस पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। कुछ लोग है जो इस तरह के विवाद को तूल देते हैं। अध्यक्षता अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जीसीआर जायसवाल ने की। इसके पूर्व राज्यपाल हेलीकाप्टर से पुलिस लाइन पहुंचे और वहां से कार्यक्रम स्थल हादीहाल पहुंचे और दोपहर रवाना हो गए।

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